अमेरिकी अदालत ने गौतम अडानी और उनके भतीजे को किया तलब, 21 दिनों में मांगा जवाब
अडानी ग्रुप और भतीजे सागर पर लगे रिश्वत के गंभीर आरोपों ने निवेश की दुनिया में हलचल मचा दी है. अमेरिकी SEC ने गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी को तलब किया है और 21 दिनों के भीतर जवाब मांगा है.
अडानी ग्रुप के फाउंडर और चेयरमैन गौतम अडानी के सर से संकट के बादल हटने का नाम नहीं ले रहे हैं. अब अमेरिका के सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने रिश्वतखोरी के आरोपों के तहत गौतम अडानी और भतीजे सागर अडानी को नोटिस जारी किया है. अमेरिकी शेयर बाजार रेगुलेटर ने दोनों से उनके ऊपर लगे आरोप पर अपना पक्ष रखने के लिए तलब किया है. जवाब देने के लिए रेगुलेटर बॉडी ने समय-सीमा भी तय की है. आरोप है कि दोनों ने लगभग 2,200 करोड़ रुपये (265 मिलियन अमेरिकी डॉलर) की रिश्वत देकर लाभदायक सोलर पावर कॉन्ट्रैक्ट हासिल किए.
गौतम अडानी और सागर अडानी को 21 दिन में देना होगा जवाब
SEC द्वारा 21 नवंबर को न्यूयॉर्क की ईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के तरफ से गौतम अडानी के अहमदाबाद स्थित शांतिवन फार्म और उनके भतीजे सागर के बोडकदेव स्थित आवास पर समन भेजा गया है.
नोटिस में कहा गया है, “इस समन की प्राप्ति के 21 दिनों के भीतर (प्राप्ति का दिन छोड़कर) आपको अटैच की गई शिकायत का उत्तर देना होगा या ‘फेडरल रूल्स ऑफ सिविल प्रोसीजर’ के नियम 12 के तहत एक मोशन दाखिल करना होगा. अगर आप उत्तर देने में असफल होते हैं, तो शिकायत में मांगे गए राहत के लिए आपके खिलाफ डिफॉल्ट जजमेंट पारित किया जाएगा.”
2020 से 2024 के बीच रिश्वत देने का आरोप
गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर समेत सात अन्य आरोपियों पर आरोप है कि उन्होंने 2020 से 2024 के बीच भारतीय सरकारी अधिकारियों को लगभग 265 मिलियन अमेरिकी डॉलर (2,200 करोड़ रुपये) की रिश्वत दी. इसका उद्देश्य सोलर एनर्जी सप्लाई के लिए लाभदायक कॉन्ट्रैक्ट हासिल करना था. इन कॉन्ट्रैक्ट्स से अगले 20 वर्षों में 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 16,500 करोड़ रुपये) का लाभ होने की उम्मीद थी.
अभियोजकों का कहना है कि अडानी ग्रुप ने झूठे और भ्रामक बयानों के आधार पर अमेरिकी और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों से 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर जुटाए. इन बयानों में एंटी-रिश्वत प्रोसेस और जांच से संबंधित गलत जानकारी शामिल थी.
Azure Power के अधिकारी पर भी आरोप
SEC ने अडानी और सागर के साथ Azure Power Global के अधिकारी सायरिल कैबानेस पर भी आरोप लगाया है. इन आरोपों में एक व्यापक रिश्वत योजना का हिस्सा होने और अमेरिकी निवेशकों को गुमराह करने का दावा किया गया है.
2022 से चल रही थी जांच
अभियोजन पक्ष ने बताया कि 2022 में शुरू हुई इस जांच में कई बाधाओं का सामना करना पड़ा. अभियोजक ब्रेऑन पीस ने कहा, “आरोपियों ने भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की एक जटिल योजना बनाई और इस योजना को छुपाने के लिए निवेशकों से झूठ बोला. मेरा कार्यालय अंतरराष्ट्रीय बाजार में भ्रष्टाचार को खत्म करने और निवेशकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.”
अभियोजन प्रक्रिया क्या है?
अमेरिका में इंडिक्टमेंट का मतलब अभियोजक द्वारा लगाए गए औपचारिक आरोप हैं. इसे कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है और आरोपी को अपने बचाव के लिए वकील रखने की अनुमति दी जाती है.
अडानी ग्रुप ने आरोपों को खारिज किया
अडानी ग्रुप ने आरोपों को खारिज करते हुए बयान जारी किया. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, अडानी समूह ने कहा,
“अडानी ग्रुप ने हमेशा उच्चतम स्तर की गवर्नेंस, पारदर्शिता और नियामक अनुपालन बनाए रखा है. हम अपने सभी हितधारकों, साझेदारों और कर्मचारियों को आश्वस्त करते हैं कि हम सभी कानूनों का पालन करने वाले संगठन हैं और इन आरोपों के खिलाफ कानूनी उपाय अपनाएंगे.”