Maharashtra Election Result 2024: चुनाव तो जीत गए… अब वादों का नंबर, जानें पूरा करने में कितना होगा खर्च
अब जब महायुति की सरकार बनेगी, तो उसे अपने वादों को पूरा करने के लिए भारी पैसा खर्च करना होगा, जिसका दबाव सीधे बजट पर पड़ेगा. दूसरी तरफ महाराष्ट्र की आर्थिक स्थिति पर नजर डालें, तो राज्य पर जीडीपी का कुल 18 फीसदी का कर्ज है.
Maharashtra Election Result 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी के गठबंधन महायुति ने जोरदार जीत हासिल की है. इस बंपर जीत के पीछे महायुति गठबंधन की घोषणाओं का असर नजर आ रहा है. सीएम एकनाथ शिंदे की नेतृत्व वाली सरकार ने महाराष्ट्र की जनता को लुभाने के लिए भारी-भरकम बजट एक्सपेंडिचर वाले वादे किए हैं. अब जब महायुति की सरकार बनेगी, तो उसे अपने वादों को पूरा करने के लिए भारी पैसा खर्च करना होगा, जिसका दबाव सीधे बजट पर पड़ेगा. दूसरी तरफ महाराष्ट्र की आर्थिक स्थिति पर नजर डालें, तो राज्य पर जीडीपी का कुल 18 फीसदी का कर्ज है. तो अब सभी की नजर उस आंकड़े पर होगी, जो चुनावी वादों को पूरा करने के लिए सरकार खर्च करेगी.
भारी-भरकम स्कीम लाडकी बहीण योजना
महाराष्ट्र में 9.7 करोड़ मतदाताओं में से 4.7 करोड़ महिलाएं हैं और महायुति सरकार का लक्ष्य उनमें से 2.5 करोड़ को लाडकी बहीण योजना के तहत कवर करना है. महीने के भुगतान में बढ़ोतरी के साथ, राज्य सरकार को उन्हें कवर करने के लिए सालाना 63,000 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे. यह 2.5 करोड़ महिलाओं को कवर करने के लिए 45,000 करोड़ रुपये की मौजूदा अनुमानित राशि (1,500 रुपये की मौजूदा मासिक सहायता पर) की तुलना में 40 फीसदी बढ़ जाएगी. इसी तरह, महायुति की सरकार अपनी गारंटी पूरी करती है तो नमो शेतकारी महासम्मान निधि योजना पर खर्च 25 फीसदी बढ़ जाएगा.
किसानों से लेकर गरीबों तक लिए वादे
महायुति की सरकार ने महिलाओं के लिए अन्य योजनाओं की घोषणा की है. इसमें मुफ्त उच्च शिक्षा और गरीबी रेखा से नीचे के लोगों के लिए तीन मुफ्त सिलेंडर शामिल हैं. सरकार ने मुख्यमंत्री बलिराज विज योजना का भी अनावरण किया, जिसके तहत किसानों के बिजली बिल के बोझ का वहन सरकार करती है और उन्हें 7.5 हॉर्स पावर क्षमता तक के कृषि पंपों के उपयोग के लिए मुफ्त बिजली प्रदान करती है. इस योजना के तहत लगभग 44.06 लाख किसान शामिल हैं.
एक लाख करोड़ खर्च का अनुमान
इसके अलावा सरकार ने मेट्रो प्रोजेक्ट, संविदा विशेष शिक्षकों को नियमित करने जैसी घोषणाओं को पूरा करने पर सरकार को भारी फंड खर्च करना होगा. चुनावों से पहले घोषित योजनाओं की अनुमानित लागत सालाना करीब 1 लाख करोड़ रुपये है. नई योजनाओं पर होने वाले खर्च का करीब आधा हिस्सा यानी करीब 46,000 करोड़ रुपये लाडकी बहीण योजना से जुड़ा है.
वादों को पूरा करने के लिए फंड की गुंजाइश
31 मार्च 2023 को समाप्त वित्तीय वर्ष के लिए सीएजी की राज्य वित्त लेखा परीक्षा रिपोर्ट 14 मई को एकनाथ शिंदे सरकार को प्रस्तुत की गई और इसे 12 जुलाई को विधानसभा में पेश किया गया. सीएजी के अनुसार, महाराष्ट्र के बकाया पब्लिक डेट का 59.54 फीसदी 2030 तक चुकाया जाना था और इस अवधि के दौरान सरकार के बजट पर दबाव पड़ सकता है. आने वाली नई सरकार के लिए ऑडिट के आंकड़े महत्वपूर्ण होंगे, क्योंकि कर्ज चुकाने की देनदारी के कारण उसके पास अपने चुनावी वादों को पूरा करने के लिए बहुत कम राजकोषीय फंड की गुंजाइश होगी.
महाराष्ट्र सरकार की देनदारियां
रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 के अंत में महाराष्ट्र की बकाया देनदारियां 6.61 लाख करोड़ रुपये या उसके ग्रॉस स्टेट घरेलू उत्पाद (GSDP) का 18.73 फीसदी थीं. इनमें से 80 फीसदी (5.32 लाख करोड़ रुपये) पब्लिक डेट था.रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र था कि राज्य को अगले तीन वित्तीय वर्षों 2025-26 तक 94,845.35 करोड़ रुपये का मार्केट डेट चुकाना होगा और 83,453.17 करोड़ रुपये का ब्याज देना होगा.