YouTube कैपिटल बना भारत का ये गांव, फेमस इतने कि फिल्मों में मिल रहा मौका, सरकार ने बनवा दिया स्टूडियो
छत्तीसगढ़ का तुलसी गांव अब यूट्यूब विलेज के नाम से मशहूर हो चुका है.यहां के लोग खेती के साथ-साथ YouTube कंटेंट क्रिएशन से अपनी नई पहचान और कमाई बना रहे हैं.गांव के 1,000 से ज्यादा लोग यूट्यूब से जुड़े हैं.सरकार ने 2023 में एक आधुनिक स्टूडियो भी बनवाया.इससे महिलाओं और युवाओं को नया प्लेटफॉर्म मिला है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन रहे हैं.
YouTube Capital of India: छत्तीसगढ़ का एक गांव देश की यूट्यूब कैपिटल के नाम से मशहूर हो रहा है. इस गांव में कंटेंट क्रिएशन का इतना क्रेज है कि यहां का हर चौथा व्यक्ति यूट्यूबर है. यहां के युवा आसानी से महीने में 30,000 रुपये कमा लेते हैं .इस गांव के लोग यूट्यूब से इतने फेमस हो रहे हैं कि उन्हें फिल्मों के ऑफर मिल रहे हैं. यूट्यूब सिर्फ रोजगार और प्रसिद्धि ही नहीं दे रहा, बल्कि समाज में बदलाव भी ला रहा है . इसी को देखते हुए सरकार ने यहां एक स्टूडियो बनवाया है, जहां लोग अपने वीडियो शूट कर सकें. लगभग 4,000 की आबादी वाले इस गांव में 1,000 से ज्यादा लोग यूट्यूब से जुड़े हुए हैं.
क्यों कहा जा रहा है यूट्यूब कैपिटल?
छत्तीसगढ़ के तुलसी गांव को भारत की “यूट्यूब कैपिटल” कहा जा रहा है क्योंकि यहां की 4,000 की आबादी में से 1,000 लोग यूट्यूब से जुड़े हुए हैं . यानी गांव का हर चौथा नागरिक कंटेंट क्रिएशन के काम में लगा हुआ है. इस काम ने लोगों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को पूरी तरह बदल दिया है.
कितनी होती है कमाई?
इस गांव में लगभग 1,000 लोग कंटेंट क्रिएशन से जुड़े हुए हैं. अगर कमाई की बात करें तो यह अलग-अलग है, लेकिन कई लोग महीने में 30,000 रुपये तक कमा लेते हैं. कई युवा, जो पहले कोई और काम करते थे, अब वह छोड़कर यूट्यूब पर वीडियो बना रहे हैं.
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, गांव के दो युवा जय वर्मा और ज्ञानेंद्र शुक्ला ने 2018 में ‘Being Chhattisgarhiya’ नाम से यूट्यूब चैनल शुरू किया. कुछ ही समय में उनके वीडियो वायरल होने लगे और आज उनके चैनल के 1.25 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं. उनके वीडियो 260 मिलियन से ज्यादा बार देखे जा चुके हैं.
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फिल्मों से मिल रहे ऑफर
यहां के लोग सिर्फ यूट्यूब तक सीमित नहीं हैं, बल्कि कई लोगों को फिल्मों से ऑफर मिल रहे हैं और वे अपना करियर फिल्म इंडस्ट्री में बना रहे हैं. पिंकी साहू इसका सबसे अच्छा उदाहरण हैं. वह पहले सिर्फ यूट्यूब पर शॉर्ट वीडियो बनाती थीं, लेकिन वायरल होने के बाद अब तक 7 फिल्मों में काम कर चुकी हैं.
गांव के ही आदित्य भागेल ने यूट्यूब से फिल्मों तक का सफर तय किया है. वे एक बड़े बजट की फिल्म ‘खारून पार’ के लिए स्क्रिप्ट राइटिंग कर रहे हैं.
महिलाओं को मिला नया प्लेटफॉर्म
इसका फायदा महिलाओं को भी हुआ है. पहले जो महिलाएं सिर्फ घर और खेतों तक सीमित थीं , वे अब यूट्यूब के लिए अपने वीडियो बना रही हैं और अपने टैलेंट का प्रदर्शन कर रही हैं. गांव में हो रहे इस बदलाव पर पूर्व सरपंच द्रौपदी वैष्णव ने बीबीसी को बताया कि यूट्यूब से समाज में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है. पहले महिलाएं अपनी बहुओं को दबाकर रखती थीं , लेकिन अब वे उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रही हैं .