महाराष्ट्र में महायुती और झारखंड में इंडिया गठबंधन, ये हैं जीत-हार के 5 कारण
महाराष्ट्र और झारखंड चुनाव के परिणामों पर सबकी निगाहें थीं. महाराष्ट्र में एक बार फिर बीजेपी गठबंधन की वापसी हो रही है, जबकि झारखंड में जेएमएम और कांग्रेस गठबंधन ने बहुमत हासिल किया है. महाराष्ट्र में बीजेपी गठबंधन ने दो-तिहाई सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि झारखंड में इंडिया गठबंधन बहुमत के आंकड़े को पार कर चुका है. अब जीत और हार के कारणों पर चर्चा शुरू हो गई है.
महाराष्ट्र में बीजेपी गठबंधन महायुति ने शानदार वापसी की है, जबकि झारखंड में इंडिया गठबंधन दोबारा सरकार बनाने जा रहा है. इस चुनाव पर सभी की निगाहें टिकी थीं, और आखिरकार आज परिणाम सामने आ गया. महाराष्ट्र में बीजेपी गठबंधन ने दो-तिहाई सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि झारखंड में इंडिया गठबंधन बहुमत के आंकड़े को पार कर गया है. महाराष्ट्र में बीजेपी ने इस बार कई नए प्रयोग किए और योजनाओं का लाभ जनता तक पहुंचाने में कामयाब रही.
वहीं, झारखंड में जिस तरह से बीजेपी को झटका लगा है, उससे यह स्पष्ट हो गया है कि झारखंड के लोगों ने हेमंत सोरेन के काम को सराहा है.लेकिन महाराष्ट्र में बीजेपी और झारखंड में हेमंत सोरेन की वापसी के पीछे 5 प्रमुख कारण क्या हैं, चलिए जानते हैं.
महाराष्ट्र में बीजेपी गठबंधन की जीत के पांच कारण
लाडकी बहीण योजना
महाराष्ट्र में बीजेपी की जीत के पीछे सबसे बड़ा कारण लाडकी बहीण योजना को माना जा रहा है. चुनाव से कुछ महीने पहले ही इसे लागू किया गया था. इस योजना को ज्यादा से ज्यादा महिलाओं तक पहुंचाने में सरकार ने सफलता हासिल की. इस योजना के तहत महिलाओं को सीधे आर्थिक सहायता मिली, और इसका बड़ा फायदा बीजेपी गठबंधन को हुआ. घोषणा पत्र में इस योजना की राशि को 1,500 रुपये से बढ़ाकर 2,100 रुपये करने की बात भी कही गई थी, जिसने महिलाओं का समर्थन और बढ़ाया.
ओबीसी वोट साधने में सफलता
बीजेपी ने ओबीसी वोटर्स को अपने पक्ष में करने के लिए विशेष प्रयास किए. पार्टी ने ओबीसी समुदाय के लिए योजनाएं चलाईं और उनका विश्वास जीतने में कामयाब रही. पीएम मोदी के ‘एक हैं तो सेफ हैं’ नारे का भी असर देखने को मिला. महिलाओं और ओबीसी वोटर्स के समर्थन ने बीजेपी को बड़ा फायदा पहुंचाया.
विदर्भ पर ध्यान
इस बार बीजेपी ने विदर्भ क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया. पार्टी ने इस क्षेत्र में किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता दी और उनके लिए योजनाओं की घोषणा की. सोयाबीन और कपास के किसानों के लिए योजनाएं लाई गईं, जैसे सोयाबीन के लिए 6,000 रुपये प्रति क्विंटल तय करना. इन प्रयासों से इस क्षेत्र में बीजेपी का प्रदर्शन बेहतर हुआ.
आरएसएस की भूमिका
महाराष्ट्र चुनाव में आरएसएस की बड़ी भूमिका रही. लाखों स्वयंसेवकों ने गांव-गांव जाकर बीजेपी के पक्ष में माहौल तैयार किया. आरएसएस और बीजेपी के बीच बेहतर तालमेल का नतीजा उनकी शानदार जीत में दिखाई दिया.
विपक्ष के पास मुद्दों की कमी
महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के पास कोई ठोस मुद्दे नहीं थे. उनके बीच आपसी अनबन की खबरें भी सामने आईं, जिसने मतदाताओं में गलत संदेश दिया. विपक्ष की कमजोर रणनीति बीजेपी की जीत का एक और कारण बनी.
झारखंड में इंडिया गठबंधन की जीत के पांच कारण
हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी बीजेपी पर भारी पड़ी
चुनाव से पहले हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी और फिर रिहाई बीजेपी के लिए घातक साबित हुई. आदिवासी समुदाय ने इसे अपना अपमान माना और बीजेपी से दूरी बना ली. इसका सीधा लाभ जेएमएम और इंडिया गठबंधन को मिला.
बांग्लादेशी मुद्दा नाकाम रहा
बीजेपी ने चुनाव में बांग्लादेशी घुसपैठ को एक बड़ा मुद्दा बनाया, लेकिन यह रणनीति काम नहीं आई. जेएमएम ने मुस्लिम और आदिवासी वोटर्स को एकजुट रखने में सफलता पाई. इस एकता ने इंडिया गठबंधन की जीत सुनिश्चित की.
आरक्षित सीटों पर जेएमएम का अच्छा प्रदर्शन
झारखंड में अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए आरक्षित 26 सीटों पर इस बार रिकॉर्ड 77% मतदान हुआ. इन सीटों पर जेएमएम ने बेहतरीन प्रदर्शन किया. बीजेपी यहां खास सफलता हासिल नहीं कर पाई.
मईयां सम्मान योजना
मईयां सम्मान योजना का लाभ झारखंड में जेएमएम को मिला. इस योजना के तहत 18 से 50 वर्ष की महिलाओं को आर्थिक सहायता दी गई. हेमंत सोरेन ने इस राशि को दिसंबर से 2,500 रुपये तक बढ़ाने का वादा किया, जिसने महिला मतदाताओं को आकर्षित किया.
मजबूत नेतृत्व का फायदा
इंडिया गठबंधन की सफलता का एक प्रमुख कारण हेमंत सोरेन का मजबूत नेतृत्व है. बीजेपी के पास झारखंड में ऐसा कोई नेता नहीं था जो हेमंत सोरेन की लोकप्रियता का मुकाबला कर सके.