कौन हैं वो 7 लोग, जो अडानी रिश्वत मामले में हैं फंसे, जानें क्या करते हैं काम

अमेरिका के सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी और सात अन्य लोगों पर अमेरिका में रिश्वतखोरी का आरोप लगाया है. ऐसे में आईए इन सात लोगों के बारे में विस्तार से जानते है.

गौतम अडानी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है Image Credit: Money 9

गौतम अडानी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. दुनिया के अमीर व्यक्तियों के लिस्ट में शुमार अडानी एक बार फिर सुर्खियों में है. दरअसल, अमेरिका के सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी और सात अन्य लोगों पर अमेरिका में रिश्वतखोरी का आरोप लगाया है.  

SEC के अनुसार, अडानी ग्रुप ने सोलर एनर्जी से जुड़े कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को रिश्वत दी थी. अडानी ग्रुप ने प्रेस रिलीज जारी करते हुए खुद को निर्दोष बताया है. ग्रुप ने अपने ऊपर लगाए सभी आरोपों को गलत बताते हुए पूरी तरीके से खारिज कर दिया है.

अमेरिका के सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी सहित सात अन्य लोगों पर यह आरोप लगाया है. इन सात लोगों के नाम सागर अडानी, विनीत जैन उर्फ ​​विनीत एस जैन, रंजीत गुप्ता, रूपेश अग्रवाल, सिरिल कैबनेस, सौरभ अग्रवाल, दीपक मल्होत्रा है. ऐसे में आईए इन सात लोगों के बारे में विस्तार से जानते है.

सागर अडानी गौतम अडानी के भतीजे हैं. वे अडानी ग्रीन एनर्जी के Executive Director थे. अडानी ग्रीन एनर्जी वहीं फर्म है जिसके खिलाफ जांच शुरू की गई है. अमेरिकी अदालत ने सागर पर सौर ऊर्जा की आपूर्ति के लिए रिश्वत देने का आरोप लगाया है.

विनीत जैन जुलाई 2020 से मई 2023 तक अडानी ग्रीन एनर्जी के Chief Executive Officer और जुलाई 2020 से वर्तमान तक फर्म के Board of Directors के Managing Director थे. विनीत जैन के खिलाफ Federal courts में एक आपराधिक मामलें दर्ज किया गया है, जिसमें उन पर प्रतिभूति और वायर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया गया था.

रंजीत गुप्ता पर भी अमेरिकी रिश्वत विरोधी कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है. वह जुलाई 2019 से अप्रैल 2022 तक U.S. Issuer के सीईओ और U.S. Issuer की सहायक कंपनी के सीईओ और Managing Director थे.

ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस की दोहरी नागरिकता रखने वाले सिरिल कैबनेस को फरवरी 2016 से अक्टूबर 2023 तक कनाडाई निवेश फर्म कैस डे डेपोट एट प्लेसमेंट डू क्यूबेक में नियुक्त किया गया था. कनाडाई पेंशन फंड अडानी की सहायक कंपनी में निवेशक था. उन्होंने जनवरी 2017 से अक्टूबर 2023 तक कंपनी के बोर्ड में गैर-कार्यकारी निदेशक के रूप में भी काम किया. फिलहाल कैबनेस सिंगापुर में रहते है.

सौरभ अग्रवाल को कैस डे डेपो एट प्लेसमेंट डु क्यूबेक द्वारा काम पर रखा गया था.

दीपक मल्होत्रा ​​एक भारतीय हैं. उन्हें सितंबर 2018 से अक्टूबर 2023 तक कनाडाई निवेशक कंपनी कैस डे डेपोट एट प्लेसमेंट डू क्यूबेक द्वारा नियुक्त किया गया था.