SEBI ने जारी किया SIF रेग्युलरेटरी फ्रेमवर्क, अप्रैल से लागू हो जाएंगे हाई रिस्क इन्वेस्टमेंट के लिए नियम
हाई रिस्क और एडवांस्ड इन्वेस्टमेंट कैटेगरी SIF को लेकर SEBI ने रेग्युलेटरी फ्रेमवर्क जारी कर दिया है. नए नियम एक अप्रैल से लागू हो जाएंगे. सेबी ने पिछले वर्ष दिसंबर में ही स्पेशलाइज्ड इन्वेस्टमेंट फंड (SIF) कैटेगरी को लॉन्च किया है.
बाजार नियामक सेबी ने गुरुवार 27 फरवरी, 2025 को स्पेशलाइज्ड इन्वेस्टमेंट फंड (SIF) के लिए रेग्युलेटरी फ्रेमवर्क जारी कर दिया है. इस इन्वेस्टमेंट कैटेगरी को सेबी ने पिछले वर्ष दिसंबर में लॉन्च किया है. यह एक हाई रिस्क एडवांस्ड इन्वेस्टमेंट कैटेगरी है. सेबी का कहना है कि SIF के जरिये पारंपरिक म्यूचुअल फंडों की तुलना में निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो को कंट्रोल करने के लिए ज्यादा सुविधाएं मिलती हैं, इसके साथ ही नियामकीय निगरानी भी बनी रहती है.
क्या है SIF
SIF के तहत एसेट मैनेजमेंट कंपनियां (एएमसी) हाई रिस्क एडवांस्ड इन्वेस्टमेंट ऑप्शन तलाश रहे इन्वेस्टर्स को इनोवेटिव इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटजी की पेशकश करती हैं. ये फंड ओपन-एंडेड, क्लोज्ड-एंडेड या इंटरवल फंड के तौर पर तैयार किए जा सकते हैं, जिससे AMC और इन्वेस्टर्स को मन-मुताबिक पोर्टफोलियो बनाने की ज्यादा आजादी मिलती है.
किसे मिलेगा फायदा?
SIF को हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल (HNI) के लिए तैयार किया गया है. इस तरह के फंड में मिनिमन निवेश 10 लाख रुपये का होता है. इसके अलावा पोर्टफोलियो मैनेजर्स भी SIF का इस्तेमाल कर कसते हैं.
सेबी ने जारी किया फ्रेमवर्क
सेबी ने निवेश की इस नई कैटेगरी के लिए गुरुवार को रेग्युलेटरी फ्रेमवर्क जारी किया है. सेबी के मुताबिक इस श्रेणी का मकसद म्यूचुअल फंड (एमएफ) और पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाओं (पीएमएस) के बीच की खाई को पाटना है. नए फ्रेमवर्क के नियम 1 अप्रैल, 2025 से लागू हो जाएंगे.
फ्रेमवर्क में क्या शामिल
सेबी की तरफ से जारी फ्रेमवर्क में SIF योजनाओं के लिए पात्रता की शर्तें स्पष्ट की हैं. SFI के तहत ऑप्शन पेश करने के लिए किसी भी AMC को काम करने का तीन साल का अनुभव होना चाहिए. पिछले तीन सालों में AMC के पास 10,000 करोड़ रुपये के औसत एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) होने चाहिए. सेबी के सर्कुलर के मुताबिक SIF के तहत इक्विटी, डेट और हाइब्रिड लॉन्ग-शॉर्ट निवेश रणनीतियों की अनुमति दी गई है. इसके साथ ही तय किया गया है कि SIF के लिए अलग ब्रांडिंग करनी होगी, हालांकि वे शुरुआती पहचान के लिए पेरेंट एएमसी के नाम का इस्तेमाल किया जा सकता है.