चांदी में गिरावट का दौर, जानें क्यों घट रहे हैं दाम

अमेरिकी फेडरल बैंक की दरों में कटौती पर रोक से दो दिनों में चांदी की कीमतों में गिरावट आ गई है. कीमतों में यह गिरावट वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों और केंद्रीय बैंकों की नीतियों का परिणाम है.

चांदी की कीमते दो दिनों में लुढ़की

पिछले दो दिनों से चांदी की कीमतों में तेज गिरावट है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्पॉट चांदी 3.85% गिरकर 29.36 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुई. वहीं, MCX पर चांदी मार्च वायदा 87,240 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई, जिसमें 3.50% की गिरावट है. इसका मुख्य कारण अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती और इसे 4.25-4.50% पर बनाए रखना है. साथ ही फेड ने आगे ब्याज दरों में कटौती रोकने का भी संकेत दिया है.

फेडरल ओपन मार्केट कमेटी के अनुसार, 2024 में कोर पीसीई मुद्रास्फीति 2.8%, 2025 में 2.5%, और 2026 में 2.2% रहने की संभावना है. वहीं, जीडीपी वृद्धि दर 2024 में 2.5%, 2025 में 2.1%, और 2026 में 2% रहने का अनुमान है.

दूसरे केंद्रीय बैंकों का रुख

बैंक ऑफ जापान और बैंक ऑफ इंग्लैंड ने अपनी ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. फैसले अमेरिकी डॉलर के लिए सकारात्मक साबित हुए हैं, जिससे चांदी पर दबाव बढ़ा है. इसके चलते चांदी 12 सितंबर के बाद के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है. साथ ही, चीन की अर्थव्यवस्था के कारण चांदी की कीमतों पर अतिरिक्त दबाव बना हुआ है.

भारत में असर

ऑल इंडिया सर्राफा एसोसिएशन के मुताबिक, कमजोर वैश्विक रुख और आभूषण विक्रेताओं की सुस्त मांग के चलते देश में सोने और चांदी की कीमतों में भारी गिरावट आई है. अमेरिकी केंद्रीय बैंक के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने ब्याज दरों में 0.25% कटौती के साथ ही 2025 में ब्याज दरों में बड़ी कटौती की संभावना जताई है. उनके इस बयान से शेयर बाजार और कमोडिटी बाजार में भारी गिरावट देखी गई.

19 दिसंबर को चांदी का भाव

19 दिसंबर को चांदी की कीमत 2,000 रुपये गिरकर 90,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई. इससे पहले बुधवार को यह 92,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी. एमसीएक्स पर मार्च डिलीवरी वाले सिल्वर कॉन्ट्रैक्ट की कीमत 1,630 रुपये (1.8%) गिरकर 88,750 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई. अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी चांदी की कीमत 2.47% घटकर 29.98 डॉलर प्रति औंस रह गई है.