12 साल बाद किरायेदार बन जाएगा मकान मालिक? जानें सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले की सच्चाई

आपका मकान आपके ही हाथ से निकल सकता है. हाल ही में आए एक अहम सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद लाखों मकान मालिकों की चिंता बढ़ गई है. किरायेदारों और संपत्ति को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच, जानिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले की असली सच्चाई.

किरायदार का कितने साल में होगा मकान पर अधिकार Image Credit: FreePik

What is the 12 year tenant rule: एक दिन अचानक आपको पता चले कि आपकी ही संपत्ति पर कोई और मालिकाना हक का दावा कर रहा है, तो क्या होगा? हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद इसी तरह की चिंताएं सामने आई हैं. बाजार में यह बात जंगल की आग सी फैल रही हैं कि किरायेदार अगर 12 साल तक किसी घर में रहे तो वह उसका मालिक बन सकता है. लेकिन सच्चाई क्या है? क्या सच में कोई किरायेदार आपके घर पर कब्जा कर सकता है? आइए, इस कानूनी गुत्थी को समझते हैं.

क्या है प्रतिकूल कब्जा (Adverse Possession)?

प्रतिकूल कब्जा एक कानूनी सिद्धांत है, जिसके तहत कोई व्यक्ति अगर 12 साल तक किसी संपत्ति पर मालिक की अनदेखी में लगातार कब्जा बनाए रखता है तो वह उसके स्वामित्व का दावा कर सकता है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यह नियम सामान्य किरायेदारों पर लागू नहीं होता, जब तक कि कुछ सख्त शर्तें पूरी न हों. जिसमें शामिल हैं:

मकान मालिक अपनी संपत्ति कैसे बचाएं?

अगर आप मकान मालिक हैं, तो कानूनी पेंचों में फंसने से बचने के लिए ये उपाय अपनाएं:

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सुप्रीम कोर्ट का फैसला साफ करता है कि बिना सख्त कानूनी शर्तें पूरी किए कोई किरायेदार मालिक नहीं बन सकता. मकान मालिकों को चाहिए कि वे सही दस्तावेजी प्रक्रिया अपनाएं, समय पर कार्रवाई करें और अपनी संपत्तियों पर नियमित निगरानी रखें ताकि भविष्य में किसी कानूनी पचड़े से बचा जा सके.