महाराष्ट्र के चुनावी नतीजों का क्या शेयर मार्केट पर दिखेगा असर? जानें- सोमवार को कैसा रहेगा सेंटीमेंट
अब निवेशकों की नजर सोमवार को खुलने वाले मार्केट पर टिक गई है. क्या इस चुनाव के नतीजे मार्केट की चाल पर असर डालेंगे या फिर बाजार अपनी धुन में चलता रहेगा.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले शुक्रवार, 22 नवंबर को एनएसई निफ्टी और बैंक निफ्टी में शॉर्ट पोजीशन को कवर करने के लिए निवेशकों ने हड़बड़ी दिखाई. इससे नवंबर डेरिवेटिव सीरीज में सबसे ज्यादा अनवाइंडिंग हुई. निफ्टी में 12.23 लाख शेयर अनवाइंडिंग हुए, जबकि बैंक निफ्टी में 1.35 लाख शेयर अनवाइंडिंग दर्ज की गई, जिससे इंडेक्स में तेजी ने शॉर्ट कवरिंग हुई. शनिवार, 23 नवंबर को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के आए नतीजों में बीजेपी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजीत पवार एनसीपी के गठबंधन महायुति को जोरदार बहुमत मिला है. ऐसे में अब निवेशकों की नजर सोमवार को खुलने वाले मार्केट पर टिक गई है. क्या इस चुनाव के नतीजे मार्केट की चाल पर असर डालेंगे या फिर बाजार अपनी धुन में चलता रहेगा.
सेंटीमेंट होगा प्रभावित
मार्केट के जानकारों की मानें, तो महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों का भारतीय शेयर बाजार बेहद कम प्रभाव देखने को मिल सकता है. हालांकि, विधानसभा चुनाव के नतीजे सीधे तौर पर केंद्र सरकार के कामकाज को प्रभावित नहीं करते, लेकिन इसके राजनीतिक प्रभाव जरूर होते हैं. विधानसभा चुनाव अस्थायी रूप से मार्केट के सेंटीमेंट को प्रभावित कर सकते हैं, लेकिन इस जीत के बाद से राष्ट्रीय स्तर पर जनता का सेंटीमेंट पर प्रभाव जरूर देखने को मिल सकता है.
निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा
सोमवार को बाजार में महाराष्ट्र के चुनाव परिणामों पर प्रतिक्रिया देने को मिल सकती है. लेकिन निफ्टी के लिए असली परीक्षा 24,000 से ऊपर की गति को बनाए रखना होगी. जानकारों कहना है कि व्यापार-अनुकूल सरकार के लिए स्पष्ट जनादेश से बाजार की उम्मीदें बढ़ सकती हैं, जिससे निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा और निवेश आकर्षित होगा.
महाराष्ट्र के चुनावी नतीजे महत्वपूर्ण हैं और इसका शेयर बाजार पर प्रभाव देखने को मिल सकता है, क्योंकि यह राज्य भारत के सबसे अधिक औद्योगिक राज्यों में से एक है और देश की जीडीपी में बड़ा योगदान देता है.
अडानी ग्रुप के लिए राहत
महायुति की सरकार में वापसी से राज्य में चल रहे प्रोजेक्ट जारी रहेंगे. खासतौर पर धारावी रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट, जिसको लेकर विपक्षी दलों ने मुद्दा बनाया था. मुंबई के बीच में करीब 600 एकड़ में फैली धारावी की झुग्गियों का रिडेवलपमेंट अडानी समूह कर रहा है.
भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार ने इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है. लेकिन महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने इस प्रोजेक्ट के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था. अपने चुनावी भाषणों में उन्होंने कहा था कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो वे अडानी समूह को दिए गए टेंडर को रद्द कर देंगे. चुनावी नतीजों से धारावी प्रोजेक्ट पर से संकट के बादल छंट गए हैं.