02 Jan 2024
Tejaswita Upadhyay
SIP शुरू करने से पहले अपने लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म वित्तीय लक्ष्यों को समझें. चाहे वह घर खरीदना हो, बच्चों की शिक्षा हो या रिटायरमेंट प्लानिंग, लक्ष्य के आधार पर SIP का चयन करें.
विभिन्न म्यूचुअल फंड्स की कैटेगरी जैसे इक्विटी, डेट, या हाइब्रिड फंड्स का मूल्यांकन करें. अपने जोखिम सहनशीलता और निवेश अवधि के अनुसार सही फंड का चयन करें.
हर SIP के साथ जोखिम जुड़ा होता है. हाई रिटर्न के लिए इक्विटी फंड्स अच्छे हैं लेकिन वे जोखिम भरे हो सकते हैं. अगर आप सुरक्षित निवेश चाहते हैं तो डेट या बैलेंस्ड फंड का चयन करें.
SIP में सफलता तभी है जब आप लंबी अवधि तक निवेश करते हैं. छोटी अवधि में बाजार के उतार-चढ़ाव से घबराएं नहीं. निवेश की अवधि कम से कम 5-10 साल रखनी चाहिए
SIP में निवेश करते समय यह समझना जरूरी है कि म्यूचुअल फंड्स बाजार से जुड़े होते हैं. पिछले प्रदर्शन के आधार पर असामान्य रिटर्न की उम्मीद न करें और यथार्थवादी लक्ष्य बनाएं.
SIP के लिए वह राशि चुनें जो आपके मासिक बजट को बाधित न करे. अपने खर्च और बचत का विश्लेषण करें और तय करें कि हर महीने कितनी राशि निवेश कर सकते हैं.
ELSS जैसे SIP विकल्पों में निवेश करने से टैक्स बचाया जा सकता है. टैक्स लाभ वाले फंड्स पर विचार करें, खासकर यदि आप कर लाभ भी चाहते हैं.
SIP शुरू करने के बाद भी इसे समय-समय पर मॉनिटर करें. यह सुनिश्चित करें कि आपका निवेश आपकी योजनाओं के अनुसार प्रदर्शन कर रहा है. यदि जरूरत हो तो पोर्टफोलियो में बदलाव करें
SIP में निवेश एक व्यवस्थित और अनुशासित तरीका है, लेकिन सही जानकारी और समझ के बिना शुरू करना नुकसानदेह हो सकता है. ध्यान से प्लान करें और अपने वित्तीय लक्ष्यों को हासिल करें.