बिहार की सूरत बदलेंगे ये 8 एक्सप्रेसवे

15 March 2025

Vinayak singh

बिहार के पूर्वी चंपारण से पश्चिम बंगाल के हल्दिया तक ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा. यह एक्सप्रेसवे 6 लेन का होगा और इस पर 40,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इसकी कुल लंबाई 692 किलोमीटर होगी.

रक्सौल-हल्दिया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे

उत्तर प्रदेश के वाराणसी से कोलकाता के बीच बनने वाला यह एक्सप्रेसवे बिहार से होकर गुजरेगा. यह 6 लेन का होगा और इस पर 30,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. 612 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे से बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल के बीच संपर्क बेहतर होगा.

वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे

118 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे के निर्माण में 4,000 करोड़ रुपये की लागत आएगी. इसके बनने से पटना से सासाराम की यात्रा का समय कम होगा और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा.

पटना-आरा-सासाराम एक्सप्रेसवे

पटना-बेतिया एक्सप्रेसवे से पटना से बेतिया की यात्रा सुगम होगी. 4 लेन का यह एक्सप्रेसवे 6,500 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा.

पटना-बेतिया एक्सप्रेसवे

198 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे 8,000 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा. यह बिहार का पहला पूर्ण एक्सप्रेसवे होगा और उत्तर तथा दक्षिण बिहार के बीच संपर्क को बेहतर करेगा.

आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे

181 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे पर 9,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इसके बनने से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के माध्यम से पटना से दिल्ली की यात्रा सुगम हो जाएगी.

पटना-आरा-बक्सर एक्सप्रेसवे

87 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे के निर्माण पर 2,200 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसके बन जाने से गोपालगंज से पटना की दूरी सिर्फ 1.5 घंटे में तय की जा सकेगी.

बाकरपुर-डुमरिया घाट एक्सप्रेसवे

बगहा से भोजपुर जिले के पातर को जोड़ने वाला यह एक्सप्रेसवे 225 किलोमीटर लंबा होगा. इस पर 15,450 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जिसमें 3,950 करोड़ रुपये किसानों को मुआवजे के रूप में दिए जाएंगे.

नारायणी-गंगा एक्सप्रेसवे