17 April 2025
Bankatesh kumar
उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और बिहार में किसान बड़े स्तर पर गन्ने की खेती करते हैं. गन्ना किसानों के लिए अप्रैल से जून तक का महीना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है.
अप्रैल से जून के दौरान किसान फसल की सिंचाई करने के बाद निराई-गुड़ाई करते हैं. लेकिन किसानों के लिए सही समय पर खाद डालना भी जरूरी होता है.
अगर किसान समय पर गन्ने के खेत में खाद नहीं डालते हैं, तो पैदावार प्रभावित होती है. खास बात यह है कि समय पर खाद डालने पर गन्ने में कल्ले ज्यादा फूटते हैं.
कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि गन्ने की बुवाई करते समय किसानों को खेत में फास्फोरस और पोटाश डालना चाहिए.
लेकिन अप्रैल से जून के दौरान गन्ने को नाइट्रोजन की सबसे ज्यादा जरूरत होती है. क्योंकि नाइट्रोजन से गन्ने में कल्ले ज्यादा आते हैं.
यह समय गन्ने में कल्लों की संख्या बढ़ाने के लिए सबसे उत्तम है. इसलिए, गन्ने में समय पर सही उर्वरक डालना बहुत जरूरी है.
ऐसे में किसानों के लिए गन्ने के खेत में सही मात्रा और सही समय पर खाद डालना बहुत जरूरी है.बुवाई के समय किसान एक तिहाई नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश का इस्तेमाल कर सकते हैं.
वहीं, गन्ने की सिंचाई करने के बाद किसान अच्छी तरह से गुड़ाई कर लें. इसके बाद खेत में प्रति एकड़ एक बोरी यूरिया गन्ने की जड़ों के पास डालें. ऐसा करने से गन्ने के पौधों को पोषक तत्व मिलेंगे और कल्ले ज्यादा आएंगे.