ये है दुनिया की सबसे महंगी लकड़ी, 1 किलो सोने के बराबर है 10 ग्राम की कीमत  

30 Mar 2025

Satish Vishwakarma

दुनिया में कई कीमती चीजें हैं, लेकिन क्या आपने कभी ऐसी लकड़ी के बारे में सुना है जो सोने से भी महंगी हो? जी हां, हम बात कर रहे हैं एक ऐसी लकड़ी की, जिसकी कीमत आपको हैरान कर देगी.   

 दुनिया की सबसे महंगी लकड़ी  

अपनी दुर्लभता और बेमिसाल खुशबू के कारण यह दुनिया की सबसे महंगी लकड़ी मानी जाती है. आइए जानते हैं कि यह कौन सा पेड़ है.   

 दुर्लभता के कारण है महंगी  

यह लकड़ी अगरवुड (Agarwood) पेड़ से प्राप्त होती है, जिसे कायनम (Kynam) कहा जाता है. इसे दुनिया की सबसे दुर्लभ और महंगी लकड़ी माना जाता है. इसकी अत्यधिक दुर्लभता के कारण इसे देवताओं की लकड़ी भी कहा जाता है.  

 क्या है नाम?  

Kynam Wood की कीमत इतनी अधिक है कि सिर्फ 10 ग्राम लकड़ी 85 लाख रुपये में मिलती है. इतनी ऊंची कीमत के कारण यह दुनिया की सबसे कीमती सामग्रियों में शामिल हो गई है.  

Kynam Wood की कीमत  

Kynam Wood, Agarwood के पेड़ से प्राप्त होती है, जो भारत, चीन, जापान, मिडिल ईस्ट और दक्षिण-पूर्व एशिया के जंगलों में पाए जाते हैं. भारत में यह लकड़ी असम में मिलती है, जिसे देश की Agarwood राजधानी भी कहा जाता है.   

यह दुर्लभ लकड़ी कहां मिलती है?  

India डॉट com की रिपोर्ट के अनुसार, कुछ साल पहले शंघाई में 2 किलो Kynam Wood 154 करोड़ रुपये में बिकी थी. वहीं, एक व्यक्ति को 600 साल पुरानी 16 किलो लकड़ी मिली, जिसे 171 करोड़ रुपये में बेचा गया था.   

 करोड़ों में होती है इसकी बिक्री

जब Agarwood पेड़ में एक खास प्रकार का फंगस लग जाता है, तो पेड़ खुद को बचाने के लिए सुगंधित रेजिन  उत्पन्न करता है. यही रेजिन धीरे-धीरे लकड़ी को Kynam में बदल देता है, जिससे यह दुर्लभ और महंगी हो जाती है.   

आखिर यह इतनी महंगी क्यों है?  

Kynam Wood बनने की प्रक्रिया कई दशकों तक चलती है. यह प्रकृति की अनोखी देन है, जिसे जल्दबाज़ी में तैयार नहीं किया जा सकता. यही कारण है कि यह दुनिया की सबसे दुर्लभ लकड़ी मानी जाती है.

 बनने में लगते हैं सालों  

Kynam Wood से बनी सुगंध को सबसे शुद्ध और अनमोल खुशबू माना जाता है. इसका उपयोग परफ्यूम, धूपबत्ती और Oud Oil बनाने में किया जाता है, जिसे दुनियाभर के खास लोग पसंद करते हैं.  

यह दुनिया की सबसे कीमती खुशबू है

मिडिल ईस्ट देशों में इसे खास मेहमानों के स्वागत के लिए जलाया जाता है.  अरब देशों में इससे महंगे इत्र और धूपबत्तियां बनाई जाती हैं. कोरिया में इसका उपयोग दवाओं और औषधीय वाइन बनाने में किया जाता है.   

 इसका उपयोग कहां-कहां होता है?