08 Feb 2025
Bankatesh kumatr
बसंत पंचमी के साथ ही बसंत ऋतु की शुरुआत हो गई है. इस ऋतु को फूलों के मौसम के रूप में जाना जाता है. इस दौरान हर तरफ फूल खेले रहते हैं.
बाग, बगीचा और चिकन गार्ड भी बसंत ऋतु में फूलों की सुगंध से खुशनुमा हो जाते हैं. अगर आपके किचन गार्ड में अपराजिता के पौधे हैं, तो फरवरी महीना आपके लिए बहुत जरूरी है.
फरवरी महीने में कुछ टिप्स अपनाकर आप अपराजिता के पौधों हमेशा हरा-भरा रख सकते हैं.अपराजिता के फूल भी देखने में भी काफी आकर्षक होते हैं. इसका रंग नीले से लेकर गहरे बैंगनी तक हो सकता है.
दरअसल, अधिक ठंड के चलते अपराजिता के पत्ते पीले पड़ जाते हैं. लेकिन आप अगले स्लाइड्स में बताए गए तरीको को अपनाकर अपराजिता के पौधों को मार्च से अक्टूबर महीने तक हरा-भार रख सकता हैं. साथ ही इनके पौधे फूलों से लद जाएंगे.
फरवरी महीने में आपको अपने किचन गार्ड में अपराजिता के बेल की छटाई करनी चाहिए. यानी आपको सूखी टहनी की कटाई-छटाई करनी होगी.
अगर आप फरवरी में कटाई-छटाई नहीं करते हैं, तो पौधों में फूल कम आएंगे, क्योंकि नई शखाएं नहीं बनती हैं. जब नई शखाएं नहीं बनेंगी तो पौधों पर फूल भी कम आएंगे.
हर पौधों के विकास के लिए खाद भी बहुत जरूरी होती है. इसलिए फरवरी महीने के दौर अपराजिता के गमले में मिट्टी की हल्की गुड़ाई करके के बाद खाद डालें. इससे पौधों की ग्रोथ अच्छी होती है.
अगर आप चाहें, तो फरवरी महीने के दौरान गमले में वर्मी कंपोस्ट, पुराना गोबर या फिर फिर सब्जियों के कचरे से बनी खाद को भी डाल सकते हैं. इसके अलावा आप चाय पत्ती, सरसों पाउडर, कॉफी और राख से बनी खाद का इस्तेमाल कर सकते हैं.
अगर आप चाहें तो फरवरी महीने के दौरान अपराजिता की पत्तियों के ऊपर नीम तेल का भी स्प्रे कर सकते हैं. इससे कीटों के हमले नहीं होंगे और पौधें बीमारियों से बचे रहेंगे. ऐसे में पौधे हरा-भरा रहेंगे और फूलों से लद जाएंगे.