मोरिंगा से पान तक मुगल रानियों के ये थे 5 ब्‍यूटी सीक्रेट

31 March 2025

Soma Roy

16वीं से 19वीं सदी तक मुगल साम्राज्य के दौर में उनकी बेगमों की खूबसूरती काफी चर्चा में रही. वो घरेलू नुस्‍खे से ही अपने हुस्‍न को चमकदार रखती थीं. आज हम आपको उनके ऐसे ही ब्‍यूटी सीक्रेट्स बताएंगे. 

मुगल स्टाइल का निचोड़

मुगल बादशाह जहांगीर की बेगम नूरजहां को खुशबू का जादूगर कहा जाता है. कहते हैं एक दिन नहाते वक्त उन्होंने पानी पर तेल की परत देखी, और जब सूंघा तो गुलाब की महक ने उन्हें मदहोश कर दिया. तभी से उन्‍होंने गुलाब का तेल इकट्ठा किया और बन गया दुनिया का मशहूर 'इत्र' तैयार किया. 

नूरजहां के इत्र का जलवा

मुगल बेगम नीम की दातून से दांत साफ करती थी. साथ ही मोती, कस्तूरी, कपूर का पाउडर मिलाकर टूथ पाउडर बनाती थी. आज भी कई जगह इन घरेलू नुस्‍खों का इस्‍तेमाल किया  जाता है. 

दांतून का इस्‍तेमाल 

मुगल दरबार की औरतें पान चबाती थीं, जिससे उनके होंठ लाल हो जाते थे. वो बिना लिप्‍स्टिक लगाए ही नेचुरल तरीके से होठों को सुर्ख लाल बनाती थीं. 

पान से रंगती थीं होंठ

मुगल दरबार में आयुर्वेद और यूनानी का जलवा था. मोरिंगा की पत्तियों को पहले दवा के लिए यूज़ करते थे, लेकिन बेगमों ने इसका पेस्ट बनाकर स्किन पर लगाना शुरू किया इससे सूजन कम करने, स्किन को स्मूद और चमकदार बनती थी.

मोरिंगा का कमाल

मुगल रानियों का एक सीक्रेट नुस्खा था, केसर को दूध में पीसकर चेहरे और बाकी त्‍वचा पर लगाना. केसर में एंटी-ऑक्सिडेंट और स्किन ब्राइटनिंग गुण होते हैं, जो स्किन को चमकदार, जवान और मुलायम बनाते हैं.

केसर-दूध का ग्लोइंग टच

चंदन यानी sandalwood का इस्तेमाल मुगल बेगमों का फेवरेट था. इसे वो पन्ना, फिरोजा और मोती के पाउडर के साथ मिलाकर आंखों के मेकअप में यूज़ करती थीं.

चंदन का जादू

मुगल रानियां धूप से त्‍वचा को काले होने से बचाने यानी टैनिंग से बचने के लिए सफेद चंदन में गुलाब जल, दूध और हल्दी मिलाकर लगाती थीं, जिससे उनकी स्किन चमकदार बनती थी.

टैनिंग से बचाव