08 March 2025
Vivek Singh
बीयर, व्हिस्की और गांजा तीनों अलग-अलग तरह से नशा देते हैं. व्हिस्की अल्कोहल के कारण तेजी से असर डालती है, गांजा मानसिक बदलाव लाता है, जबकि बीयर का प्रभाव धीमा और हल्का होता है.
व्हिस्की में 40-50% एथेनॉल होता है, जो खून में तेजी से घुलकर दिमाग को प्रभावित करता है. यह संतुलन, सोचने की क्षमता और प्रतिक्रिया समय को धीमा कर देता है, जिससे व्यक्ति जल्दी नियंत्रण खो सकता है.
व्हिस्की में नशा क्यों ज्यादा होता है?
बीयर में अल्कोहल 4-8% होता है, जिससे नशा धीरे-धीरे होता है. यह शरीर को रिलैक्स करने का एहसास देता है, लेकिन अत्यधिक सेवन से चक्कर आने की समस्या हो सकती है.
बीयर का नशा कैसे असर करता है?
गांजा में मौजूद THC (Tetrahydrocannabinol)दिमाग की नसों पर असर डालता है. यह सोचने की प्रक्रिया बदल सकता है, अधिक हंसी, गहरी सोच या मतिभ्रम जैसी स्थिति पैदा कर सकता है.
गांजा का नशा और उसका प्रभाव
व्हिस्की में अल्कोहल की मात्रा अधिक होती है, जिससे नशा जल्दी और तेजी से चढ़ता है. अत्यधिक सेवन से उल्टी, बेहोशी, ब्लैकआउट और यहां तक कि जानलेवा स्थिति भी हो सकती है.
व्हिस्की का नशा सबसे ज्यादा क्यों होता है?
व्हिस्की शारीरिक नियंत्रण को बाधित कर देती है और लीवर पर बुरा असर डालती है. गांजा मानसिक प्रभाव डालता है, जिससे याददाश्त कमजोर हो सकती है. दोनों ही अधिक मात्रा में नुकसानदायक हो सकते हैं.
गांजा बनाम व्हिस्की – क्या ज्यादा खतरनाक है?
बीयर में अल्कोहल कम होने के कारण इसका असर धीमा होता है. लेकिन अत्यधिक सेवन से वजन बढ़ना, लिवर पर प्रभाव और अल्कोहल की लत जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
क्या बीयर सुरक्षित विकल्प है?
गांजा का नशा 6-12 घंटे तक रह सकता है, जबकि व्हिस्की का प्रभाव 2-6 घंटे रहता है. बीयर का नशा 1-3 घंटे तक महसूस होता है, लेकिन यह सेवन की मात्रा पर निर्भर करता है.
सबसे लंबा नशा किसका रहता है?