10 April 2025
Satish Vishwakarma
देश में गर्मी ने दस्तक दे दी है. उत्तरी भारत में तेजी से बढ़ते तापमान की वजह से बिना कूलर और AC के दिन बिताना मुश्किल हो जाता है.
अगर आप इस बार के सीजन में कूलर लेने की सोच रहे हैं और यह सोचकर कंफ्यूज हैं कि कूलर ब्रांडेड खरीदें या फिर लोकल, क्योंकि हर सीजन के बाद कूलर मेंटेनेंस की जरूरत पड़ जाती है, तो ऐसे में चलिए जानते हैं कि दोनों के अपने क्या फायदे हैं और कौन सा कूलर खरीदना बेहतर है.
ब्रांडेड या नॉन-ब्रांडेड
मार्केट में ब्रांडेड कूलर नॉन-ब्रांडेड की मुकाबले महंगा होता है. नॉन-ब्रांडेड कूलर की कीमत लगभग 50 फीसदी तक कम हो सकती है. साथ ही, इनका साइज और डिजाइन के भी कई ऑप्शन मिल जाते हैं.
कौन है सस्ता?
अगर आप नॉन-ब्रांडेड कूलर खरीदते हैं, तो इसे रिपेयर कराना काफी आसान होता है क्योंकि इसे आप लोकल मार्केट में आसानी से बनवा सकते हैं. लेकिन ब्रांडेड कूलर में ऐसा नहीं होता.
नॉन-ब्रांडेड कूलर के फायदे
कूलर खरीदते वक्त यह जरूर चेक करना चाहिए कि उसकी परफॉर्मेंस कैसी है. वैसे तो ब्रांडेड कूलर की परफॉर्मेंस नॉन-ब्रांडेड के मुकाबले काफी बेहतर होती है.
किसकी परफॉर्मेंस है बेहतर?
वैसे तो नॉन-ब्रांडेड कूलर सस्ता मिल जाता है, लेकिन उसकी ड्यूरेबिलिटी, क्षमता और मेंटेनेंस पर होने वाले छिपे खर्च हमें महंगे पड़ सकते हैं.
पड़ सकता है महंगा
ब्रांडेड कूलर भले ही खरीदते समय महंगा पड़ता है, लेकिन बाद में यह हमारी जेब पर ज्यादा बोझ नहीं डालता. यह एक तरह का लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट होता है.
लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट
लोकल मार्केट में मिलने वाले नॉन-ब्रांडेड कूलर की क्वालिटी, सेफ्टी और भरोसेमंद परफॉर्मेंस को लेकर कई तरह के समझौते करने पड़ सकते हैं. जब तेज गर्मी पड़ती है और हमें कूलर की सबसे ज्यादा जरूरत होती है, तो यह हमें धोखा भी दे सकता है.
जरूरत पर दे सकता है धोखा