11 Apr 2025
Shashank Srivastava
26 नवंबर 2008. यह भारत के इतिहास का वह भयावह दिन है जिसे भूलना मुश्किल है. 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने मुंबई को दहला दिया था.
इसमें कुल 238 से ज्यादा लोग घायल और 166 लोग मारे गए थे. 60 घंटे तक यह हमला चला था. इसके पीछे की गहरी साजिश में कई नाम सामने आए थे.
तमाम नामों में से एक तहव्वुर हुसैन राणा का भी नाम शामिल था. 17 साल बाद अब भारत उसे अमेरिका से प्रत्यर्पित कर लाया है. जिसके बाद कोर्ट में पेश किया गया है.
इसको लेकर एक पुराना किस्सा भी है. वह है शिकागो के दिन का जहां पर राणा ने वीजा की दुकान खोली थी. हम आपको उसी दुकान और वीजा की कहानी बताते हैं.
शिकागो में एक गली है जहां पर भारत के कई लोगों की दुकानें थी. इस गली को वहां का चांदनी चौक कहा जाता था.
दुकानों के नाम भारतीय और पाकिस्तानी दोनों ही हैं. यहां पर एक गांधी स्ट्रीट और दूसरा जिन्ना स्ट्रीट. इस गली को कई लोग मिनी इंडिया भी कहते हैं.
ये किस्सा 2009 का है जब राणा को अमेरिका में गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी से पहले राणा अमेरिका के शिकागो में कथित तौर पर इमिग्रेशन सर्विस देने वाला दुकान चला रहा था.
मौजूदा समय पर राणा को भारत लाया गया है. कोर्ट ने उसे 18 दिन की NIA कस्टडी में भेज दिया है. जांच एजेंसी राणा से पूछताछ करेगी और मुंबई हमले की साजिश के पीछे को बेनकाब करेगी.