20 Feb 2025
SATISH VISHWAKARMA
इन दिनों छावा मूवी काफी चर्चा में है, जिसमें औरंगजेब की भूमिका अक्षय खन्ना ने निभाई है. मुगल शासक औरंगजेब को उसकी धार्मिक असहिष्णुता और राजनीतिक कट्टरता के लिए जाना जाता है.
औरंगजेब के शासनकाल में आम लोगों की आर्थिक स्थिति क्या थी? खासकर मिडिल क्लास कितना कमाता था और उन्हें कितना टैक्स देना पड़ता था? आइए जानते हैं.
औरंगजेब का टैक्स सिस्टम तीन वर्गों में बंटे थे. साल 1679 में औरंगजेब ने गैर-मुसलमानों पर जजिया टैक्स लगाया. इसके लिए हिंदुओं को तीन वर्गों में बांटा गया था.
इनमें, अमीर वर्ग: जिनके पास 10,000 दिरहम या उससे ज्यादा की संपत्ति थी. मिडिल क्लास: जिनकी संपत्ति 200 दिरहम या उससे ज्यादा थी. गरीब वर्ग: जिनकी संपत्ति 200 दिरहम से कम थी.
इतिहासकार जे.एन. सरकार के मुताबिक, इन वर्गों पर अलग-अलग टैक्स लगाए गए— गरीबों पर 6% टैक्स मिडिल क्लास पर 6.25% टैक्स अमीरों पर सिर्फ 2.5% टैक्स
इससे साफ है कि गरीब और मिडिल क्लास पर टैक्स का बोझ ज्यादा था, जबकि अमीरों को राहत दी गई थी.
हालांकि, पुरोहित वर्ग और सरकारी अधिकारी इस टैक्स से मुक्त थे.
औरंगजेब के समय गुजरात अकेले ही पूरे साम्राज्य के कुल रेवेन्यू में 3.5% का योगदान देता था.
औरंगजेब के दौर में मिडिल क्लास को अमीरों के मुकाबले ज्यादा टैक्स देना पड़ता था. गरीबों पर तो टैक्स का बोझ और भी ज्यादा था, जिससे उनकी स्थिति और कमजोर होती गई.