1March 2025
Satish Vishwakarma
क्या आप सोच सकते हैं कि सैकड़ों किलोमीटर की दूरी कुछ ही मिनटों में पूरी हो जाए? हाइपरलूप टेक्नोलॉजी इसी सपने को सच करने की तैयारी कर रही है. आइए जानते हैं कौन से देश फिलहाल इस सुपरफास्ट टेक्नॉलाजी पर काम कर रहे हैं.
हाइपरलूप एक तेज रफ्तार परिवहन सिस्टम है, जिसमें पॉड्स (कैप्सूल जैसी गाड़ियां) वैक्यूम ट्यूब के अंदर चलती हैं. यह हवा के दबाव को कम करके फ्रिक्शन घटाती है, जिससे स्पीड 1,000 किमी/घंटा से भी ज्यादा हो जाती है.
हाइपरलूप क्या है?
एलन मस्क की The Boring Company समेत कई कंपनियां हाइपरलूप पर काम कर रही हैं. यह टेक्नोलॉजी यात्रियों को तेज, सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव देगी.
एलन मस्क की कंपनी भी कर रही है काम
स्पेसएक्स ने 2016 में हाइपरलूप का टेस्ट ट्रैक बनाया था. कंपनी अभी इस प्रोजेक्ट पर काम कर रही है.
स्पेसएक्स का हाइपरलूप टेस्ट ट्रैक
नीदरलैंड की Hardt Hyperloop ने अपने यूरोपियन हाइपरलूप सेंटर में पहली सफल टेस्ट रन पूरी कर ली है.
नीदरलैंड में पहला सफल परीक्षण
अगस्त 2024 में चीन ने शान्शी प्रांत में एक कम-वैक्यूम वातावरण में सफल हाइपरलूप परीक्षण किया है.
चीन का हाइपरलूप परीक्षण
Hyperloop Transportation Technologies इटली के वेनिस-मेस्ट्रे और पडुआ के बीच एक प्रोटोटाइप बना रही है, जो दुनिया का पहला व्यावसायिक हाइपरलूप हो सकता है.
इटली में हाइपरलूप?
कनाडा की TransPod कंपनी ने 2022 में ‘FluxJet’ नामक हाइपरलूप प्रोजेक्ट पेश किया, जो कैलगरी और एडमोंटन को जोड़ेगा.
कनाडा का 'FluxJet' प्रोजेक्ट
IIT मद्रास ने L&T के सहयोग से 422 मीटर लंबा Avishkar Hyperloop बनाया है, जिसमें ट्रेनें 1,000 किमी/घंटा से अधिक की गति से दौड़ सकती हैं.
भारत में पहला हाइपरलूप टेस्ट ट्रैक