गाय-भैंस को खिलाएं ये आहार, नहीं होगा बांझपन;देंगी ज्यादा दूध

03 Feb 2025

Bankatesh Kumar

सिर्फ इंसान ही नहीं, बल्कि गाय- भैंस और भेड़- बकरियों में भी बांझपन की बीमारी तेजी से बढ़ रही है. इससे पशुओं में गर्भ धारण करने की शक्ति कम हो गई है.

गर्भ धारण

ऐसे में पशुपालकों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. हालांकि, मार्केट में बांझपन को दूर करने की कई तरह की दवाइयां भी आ गई हैं, लेकिन इससे भी कुछ ज्यादा फायदा नहीं हो रहा है.

दवाइयां

एक्सपर्ट का कहना है कि चारे और दाने में पोषक तत्वों की कमी के चलते इस तरह की समस्याएं बढ़ रही हैं. अगर मिनरल्स और प्रोटीन से युक्त आहार उन्हें खिलाते हैं, तो बांझपन की समस्या को दूर किया जा सकता है.

बांझपन की समस्या

पशु एक्सपर्ट की माने तो वर्तमान समय में किसान पशुओं को जो हरा चारा खिला रहे हैं, उसमें मैगनीज, जिंक, कैल्शियम, आयरन, कोबाल्ट, मैगेनेशियम, फासफोरस, मिनरल और विटामिन्स की भारी कमी है.

विटामिन्स की भारी कमी

इसके चलते पशुओं के स्वास्थ्य पर प्रतिकुल असर पड़ रहा है. उनमें बांझपन की बीमारी बढ़ रही है, जिससे गर्भ धारण करने में समस्याएं आ रही हैं. साथ ही पशु आहार में पोषक तत्वों की कमी के चलते दूध उत्पादन में भी गिरावट आ रही है.

 दूध उत्पादन

इसलिए दुधारू पशुओं के लिए हरा और सूखा चारा समेत मिनरल्स की बहुत जरूरी है. क्योंकि इसमें वो सभी पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो एक दुधारू पशुओं के लिए बहुत ही आवश्यक है.

 पोषक तत्व 

पोषक तत्वों से भरपूर आहार खिलाने से मवेशियों का केवल दूध उत्पादन ही नहीं बढ़ता है, बल्कि उनका स्वास्थ्य भी सही रहता है. इससे वे जल्दी बीमार नहीं पड़ते हैं. साथ ही उनके अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है.

रोग प्रतिरोधक क्षमता

ऐसे अभी देश में दुधारू पशुओं की संख्या 30 करोड़ है. लेकिन इनमें से सिर्फ 10 करोड़ पशु अभी दूध का उत्पादन कर रहे हैं. यानी बाकी के 20 करोड़ पशु बांझपन की समस्या से जूझ रहे हैं. इसके चलते वे गर्भ धारण नहीं कर पा रहे हैं.

10 करोड़ पशु

किसानों और पशुपालकों को दुधारू पशुओं को मिनरल्स और पुषक तत्वों से भरपूर आहार खिलाना चाहिए. इससे दूध उत्पादन भी बढ़ेगा और साथ में बांझपन की समस्या भी दूर होगी.

मिनरल्स