22 Feb 2025
Bankatesh kumar
भारत मसाले के लिए पूरी दुनिया में फेमस है. यहां से मसालों का निर्यात पूरे विश्व में होती है. खास कर दक्षिण भारत के राज्यों में मसाले की खेती ज्यादा होती है.
अदरक, हल्दी, लौंग, इलायची, दालचीनी ऐसे मसाले हैं, जिनके बगैर हम लजीज सब्जी की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं.
इन मसालों के इस्तेमाल करने से सब्जी का टेस्ट और कलर भी बदल जाते हैं. हालांकि, ये ऐ ऐसे मसाले हैं जो मेडिसिनल प्लांट हैं. इनका इस्तेमाल दवाइयों में के रूप में किया जा सकता है.
ऐसे ये मसाले बहुत महंगे बीकते हैं. खास कर लौंग और इलायची. अगर आप चाहें, तो इन मसालों को किचन गार्ड में उगा सकते हैं. इससे आपको मोटी बचत होगी.
एक्सपर्ट की माने तो गमले में लौंग की खेती आसानी से की जा सकती है. आप बीज या कलम विधि से गमले में लौंग उगा सकते हैं.
लेकिन बुवाई करने से पहले गमले में रेतीली या दोमट मिट्टी का ही इस्तेमाल करें. साथ ही जल निकासी की भी अच्छी सुविधा होनी चाहिए, ताकि पौधों को नुकसान न पहुंचे. अगर आप चाहें तो मिट्टी में वर्मी कंपोस्ट भी मिला सकते हैं.
मिट्टी का पीएच स्तर 6.0 से 6.5 के बीच रहे.गमले में लगे पौधे में नमी बनाए रखने के लिए समय-समय पर सिंचाई करते रहें. गमले को कम से कम 7 घंटे धूप में जरूर रखें, क्योंकि लौंग का पौधा ठंडी जलवायु को सहन नहीं कर पाता है.
इसी तरह इलायची की खेती भी गमले में की जा सकती है. इसकी खेती लेटराइट मिट्टी और काली मिट्टी में भी की जा सकती है. ध्यान रहे कि गमले में जल निकास की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए.
इलायची के लिए दोमट मिट्टी अच्छी मानी गई है. साथ ही तापमान 10 से 35 डिग्री तक होना चाहिए.गमले को रोज धूप में रखें, इससे पौधों का ग्रोथ तेजी से होता है.