गेहूं कटाई के बाद खेत में लगाएं ये फसल, दूर हो जाएगी खाद की टेंशन

   14 April 2025

Bankatesh kumar

बिहार, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में गेहूं की कटाई शुरू हो गई है. इसके बाद किसान अलग-अलग फसलों की बुवाई करेंगे.

 फसलों की बुवाई 

लेकिन एक्सपर्ट का कहना है कि गेहूं की कटाई करने के बाद किसान सबसे पहले खेत की सिंचाई करें और इसके बाद जुताई करें.

खेत की सिंचाई

अगर किसान चाहें, तो ढैंचा की बुवाई कर सकते हैं. यह एक ऐसी फसल है जो 45 दिनों में ही तैयार हो जाती है. ऐसे में किसान धान की बुवाई भी कर सकते हैं.

 धान की बुवाई

कहा जाता है कि ढैंचा की खेती से मिट्टी की उर्वरक क्षमता बढ़ जाती है.ऐसे में किसानों को अगली फसल की बुवाई करने पर अच्छी पैदावार मिलेगी.

उर्वरक क्षमता

खास बात यह है कि ढैंचा की खेती से खेत में अपने आप उगने वाले खरपतवार भी गायब हो जाते हैं. इससे किसानों को खरपतवार से भी मुक्ति मिलती है.

खरपतवार

ढैंचा एक तरह की दलहन फसल है. इसमें कार्बन और नाइट्रोजन भारी मात्रा में पाया जाता है.ऐसे में इसकी खेती से मिट्टी में कार्बन और नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ जाती है.

कार्बन और नाइट्रोजन

वैज्ञानिकों का कहना है कि गेहूं की कटाई करने के बाद अगर पैदावार अच्छी नहीं होती है, तो किसान मिट्टी की जांच करा लें.

मिट्टी की जांच

क्योंकि मिट्टी की जांच कराने से उसमें उर्वरक क्षमता सहित पोषक तत्वों की कमी की जानकारी मिल जाएगी.इससे किसानों को काफी मदद मिलेगी.

पोषक तत्वों की कमी

अगर किसान ढैंचा की बुवाई करना चाहते हैं, तो प्रति हेक्टेयर  50-60 क‍िलो बीज लगेगा. इसे हरी खाद के रूप में भी जाना जाता है.

हरी खाद