क्या पैकेट वाले मसाला की होती है एक्सपायरी, जान लें सच्चाई

6 March 2025

Satish Vishwakarma

भारत में खाने के स्वाद के प्रमुख कारणों में से एक है उसमें इस्तेमाल किया गया मसाला. भारतीय रसोई में कई तरह के मसालों का उपयोग किया जाता है.  

भारत में स्वाद की जान है मसाला

खास बात यह है कि ये मसाले हमारे खाने के स्वाद को तो बढ़ाते ही हैं, साथ ही इनकी निश्चित मात्रा हमारी सेहत के लिए भी फायदेमंद होती है. लेकिन क्या आपको पता है कि आप कैसे पहचान करेंगे कि आपके किचन का मसाला खराब हो गया है और कब उसका इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए?  

मसाले की पहचान

वैसे तो मसालों में कई तरह की चीजें शामिल होती हैं, जैसे धनिया, सौंफ, जायफल, दालचीनी और लौंग. सभी की शेल्फ लाइफ अलग-अलग होती है.  

सबकी अलग शेल्फ लाइफ

पैकेट वाले मसाले समय के साथ खराब हो सकते हैं, खासकर अगर उन्हें सही तरीके से स्टोर न किया जाए. इसलिए इन्हें नमी, कीड़ों, धूप और गर्मी से बचाकर रखना जरूरी है. आमतौर पर, पैकेट वाले मसालों की एक्सपायरी डेट 6 महीने से 2 साल तक होती है.

पैकेट वाला मसाला 

साबुत मसाले, जैसे तेज पत्ता, अजवाइन, काली इलायची, काली मिर्च, हरी इलायची, चिरौंजी, दालचीनी, लौंग, जीरा, सूखी अदरक, सौंफ, जावित्री, सरसों आदि की शेल्फ लाइफ सबसे अधिक होती है.

साबुत मसालों की होती है ज्यादा शेल्फ लाइफ

अगर मसाले का रंग फीका पड़ गया है, उसमें से खुशबू नहीं आ रही है या फिर मसाला गांठदार हो गया है, तो समझ लें कि वह खराब हो चुका है.

कैसे पता करें कि मसाला खराब हो गया है?

पिसे हुए मसाले हवा के संपर्क में आते हैं, जिससे उनका तेल सूख जाता है और स्वाद चला जाता है. इसी कारण वे जल्दी खराब हो जाते हैं. 

पिसे हुए मसाले जल्दी क्यों खराब होते हैं?  

मसालों को हमेशा एयरटाइट डिब्बों में रखें. इन्हें नमी से दूर रखें और साथ ही धूप व गर्मी से भी बचाकर रखें.  

मसालों को सही तरीके से कैसे स्टोर करें?

अगर मसालों में फफूंद लग जाए या वे नमी के कारण गीले हो जाएं, तो उनका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.   

मसालों को कब फेंक देना चाहिए?