12 Nov 2024
Bankatesh kumar
बिहार के भागलपुर के किसान अब ड्रैगन फ्रूट की खेती करेंगे. इसके लिए किसानों को सस्ती दरों पर ड्रैगन फ्रूट के पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे.
खास बात यह है कि ड्रैगन फ्रूट की खेती करने के लिए बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) और भागलपुर के कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) किसानों को ट्रेनिंग भी देगा.
बीएयू और केवीके का मानना है कि भागलपुर की मिट्टी और जलवायु ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए अनुकूल है. अगर किसान बड़े स्तर पर इसकी खेती करेंगे तो अच्छी पैदावार मिलने की उम्मीद है.
बीएयू के कुलपति डी आर सिंह ने कहा कि ड्रैगन फ्रूट की मार्केट में बहुत अधिक मांग है. यह अभी मार्केट में 150 से 200 रुपये किलो बिक रहा है.
ऐसे में अगर किसान इसकी खेती करते हैं, तो उनकी कमाई में बढ़ोतरी होगी और उनके जीवन स्तर में भी सुधार आएगा.
बड़ी बात यह है कि अन्य फ्रूट के मुकाबले ड्रैगन फ्रूट की शेल्फ लाइफ अधिक होती है. यानी फसल की कटाई करने के बाद इसे लंबे समय तक स्टोर किया जा जाता है.
साथ ही डिमांड के अनुसार किसान दूसरे शहरों में भी इसकी सप्लाई कर पाएंगे. इससे मुंह मांगी कीमत मिल सकेगी.
ड्रैगन फ्रूट की फसल को जानवरों से भी नुकसान नहीं पहुंचता है. क्योंकि इसके तने में कांटे होते हैं. इसके चलते मवेशी इसे खाने से कतराते हैं.
साथ ही इस फसल में बीमारी लगने की संभावना न के बराबर होती है.ड्रैगन फ्रूट औसत उपज प्रति एकड़ 5 से 6 टन के बीच होती है.