बिना खुशबू वाले इस फूल की खेती में बंपर कमाई, रंग बनाने में होता है इस्तेमाल

12 March 2025

Bankatesh kumar

इस साल 14 मार्च को पूरे देश में धूमधाम के साथ होली मनाई जाएगी. इस दिन लोग एक-दूसरे रंग और गुलाल लगाते हैं.

तरबूज की मांग 

लेकिन क्या आपको मालूम है कि होली वाले रंग को बनाने में उत्तर प्रदेश के राजकीय फूल का भी इस्तेमाल किया जाता है, यानी पलाश का.

राजकीय फूल

दरअसल, पलाश को प्रदेश का राजकीय फूल भी घोषित किया गया है. अगर आप इसकी खेती करते हैं, तो बंपर कमाई होगी.

बंपर कमाई

पलाश को रसा, किशक, सुपका, ढाक, टेसू ब्रह्मवृक्ष और फ्लेम ऑफ फोरेस्ट के नाम से भी जाना जाता है. इसकी पूरे देश में खेती होती है.

 पूरे देश में खेती 

लेकिन  उत्तर प्रदेश के चित्रकूट, मानिकपुर, बांदा, महोबा और मध्य प्रदेश से जुड़े बुंदेलखंड में किसान सबसे ज्यादा पलाश को उगाते हैं.

बुंदेलखंड

यूपी के अलावा पलाश की खेती  झारखंड, दक्षिण भारत, पंजाब और हरियाणा में भी की जाती है. इस फूल में कोई खूशबू नहीं होती.

फूल में कोई खूशबू नहीं

अगर आप इसकी खेती शुरू करते हैं, तो प्रति एकड़ 50,000 रुपये की लागत आएगी. इसके बाद अगले 30 साल तक बंपर कमाई होगी.

बंपर कमाई

 इसके बीज, फूल, पत्ते, छाल, जड़ और लकड़ी भी बिक जाते हैं. इसके अलावा पलाश का आयुर्वेदिक चूर्ण और तेल भी काफी अच्छे दामों पर बिकता है.

तरबूज की मांग 

पलाश के गोंद को 1 से 3 ग्राम मिश्री में मिलाकर दूध या आंवला के रस के साथ लें. इससे हड्डियां मजबूत होंगी. इसके साथ ही गोंद को गर्म पानी के साथ घोलकर पीने से दस्त का इलाज किया जा सकता है.

दस्त का इलाज