खाली पेट या खाने के बाद, कौनसा वॉक है ज्यादा फायदेमंद?

22 Apr 2025

Shashank Srivastava

स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता

स्वास्थ्य को लेकर लोगों के बीच जागरूकता बढ़ रही है. इसके लिए कुछ लोग सुबह तो कुछ शाम में वॉक करने जाते हैं. ऐसे में एक सवाल कई बार उठता है.

सुबह उठकर खाली पेट वॉक करने से शरीर फैट को जल्दी बर्न करता है. जब पेट खाली होता है, तो शरीर पहले से जमा फैट को एनर्जी के रूप में इस्तेमाल करता है. 

वजन घटाने के लिए खाली पेट वॉक

खाली पेट वॉक मेटाबॉलिज्म को एक्टिव करती है, जिससे दिनभर शरीर की कैलोरी बर्निंग क्षमता बढ़ती है. इससे एनर्जी का स्तर बढ़ता है और व्यक्ति दिनभर एक्टिव महसूस करता है.

मेटाबॉलिज्म बूस्ट करने में मदद

खाली पेट चलने में अक्सर थकावट महसूस हो सकती है, खासकर अगर आपने पिछली रात हल्का खाना खाया हो. इससे चक्कर या कमजोरी जैसी समस्या भी हो सकती है.

थकान हो सकती है

खाने के बाद 10 से 30 मिनट की हल्की वॉक करने से डाइजेशन बेहतर होता है. इससे खाना जल्दी पचता है और पेट भारी नहीं लगता. यह वॉक खासकर रात के खाने के बाद की जाती है.

खाने के बाद वॉक पाचन में मददगार

खाने के तुरंत बाद वॉक करने से ब्लड शुगर लेवल को स्थिर बनाए रखने में मदद मिलती है. डायबिटीज के मरीजों के लिए यह वॉक फायदेमंद होती है क्योंकि यह इंसुलिन रिस्पॉन्स को सुधारती है.

ब्लड शुगर को कंट्रोल करती है

एक्सपर्ट्स के अनुसार, खाने के बाद हल्की वॉक शरीर में ग्लूकोज को मसल्स तक पहुंचाने में मदद करती है. इससे शरीर इंसुलिन को बेहतर रिस्पॉन्ड करता है और टाइप 2 डायबिटीज का रिस्क कम होता है.

इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार

भोजन के तुरंत बाद बैठने या लेटने की बजाय चलने से ब्लोटिंग, गैस और एसिडिटी जैसी समस्याएं नहीं होतीं. यह वॉक पेट की सेहत के लिए छोटी लेकिन बेहद जरूरी आदत बन सकती है.

गैस और ब्लोटिंग से राहत

डॉक्टर खाने के बाद वॉक को डायबिटीज मरीजों के लिए जरूरी मानते हैं. इससे न केवल शुगर लेवल कंट्रोल होता है, बल्कि वजन भी नियंत्रण में रहता है. इससे दवाइयों पर निर्भरता कम हो सकती है.

डायबिटीज मरीजों के लिए जरूरी