20 March 2025
Pratik Waghmare
QR कोड खुद में फर्जी नहीं होते, लेकिन स्कैमर्स इन्हें छेड़छाड़ करके खतरनाक बना सकते हैं. वे असली QR कोड की जगह फर्जी QR कोड लगाकर लोगों को धोखा देते हैं और उनकी निजी जानकारी चुरा लेते हैं.
स्कैमर्स असली QR कोड बदलकर नकली लगा देता है. ये कोड किसी फर्जी वेबसाइट पर ले जाते हैं, जहां आपका डेटा चोरी हो सकता है. कई बार पेमेंट के QR कोड से छेड़छाड़ कर दी जाती है, जिससे पैसा असल व्यापारी की बजाय ठग के अकाउंट में चला जाता है.
फर्जी QR कोड कैसे काम करता है
अगर QR कोड के ऊपर स्टिकर लगा हो या उसमें कोई गड़बड़ी दिखे, तो उसे स्कैन न करें. कोई शक हो रहा हो तो पेमेंट के लिए दूसरा ऑप्शन चुनें. QR स्कैन करने से पहले उसका लिंक देखें. सही लिंक https:// से शुरू होगा और URL के आगे ताले (padlock) का निशान होगा. कई बार स्कैमर्स लिंक में गलत स्पेलिंग का इस्तेमाल करते हैं.
फर्जी QR कोड पहचानने के तरीके
अगर ईमेल या मैसेज में QR कोड भेजा गया है, तो उसे स्कैन करने से पहले जांच लें. असली कंपनियों के ईमेल में उनका आधिकारिक डोमेन नाम होता है (जैसे @amazon.com), लेकिन फर्जी ईमेल में @gmail.com या @outlook.com हो सकता है.
QR कोड का सोर्स चेक करें
ब्रांडेड QR कोड अधिक सुरक्षित होते हैं. कस्टम QR कोड 80% ज्यादा भरोसेमंद होते हैं क्योंकि उनमें कंपनी का नाम या लोगो होता है. बिना ब्रांडिंग वाले सामान्य QR कोड से सावधान रहें.
QR कोड ब्रांडिंग जांचें
कई बार डिलीवरी एजेंट आपको फर्जी QR कोड स्कैन करने के लिए कह सकता है. अगर आप किसी पैकेज की उम्मीद नहीं कर रहे हैं, तो इसे स्वीकार न करें और कूरियर कंपनी या ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को रिपोर्ट करें.
पैकेज से जुड़े स्कैम
स्कैमर्स बड़े ब्रांड के नाम पर नकली कूपन QR कोड बनाकर भेजते हैं. इनको स्कैन करने पर फर्जी वेबसाइट पर ले जाया जाता है, जहां आपकी क्रेडिट कार्ड जानकारी चुराई जा सकती है. कुछ QR कोड स्कैम डिवाइस में वायरस डालकर डेटा चुरा लेते हैं.
ईमेल/SMS से आते हैं QR कोड
कंपनियां आमतौर पर ईमेल या मैसेज में QR कोड नहीं भेजतीं. अगर कोई QR कोड बहुत आकर्षक ऑफर दे रहा है (जैसे 90% डिस्काउंट या फ्री कार), तो यह शायद फर्जी है. हमेशा QR कोड के पीछे के लिंक की जांच करें और अनजान कोड स्कैन करने से बचें.
कैसे सेफ रहें