कैसा होता है फ्लाइट का टॉयलेट, क्या हवा में ही गिर जाता है पूरा वेस्ट

10 March 2025

Bankatesh kumar

अमेरिका के शिकागो से दिल्ली जा रही एअर इंडिया की एक फ्लाइट में टॉयलेट जाम हो गए. इससे परेशान यात्रियों ने जमकर हंगामा काटा.

 टॉयलेट जाम

 घटना पर एअर इंडिया का कहना है कि जांच में पाया गया कि पाइपलाइन में पॉलिथीन बैग और कपड़ों के टुकड़े फंस गए थे, जिन्हें पानी के जरिए बहाया गया. इसके चलते टॉयलेट जाम हो गए थे.

पॉलिथीन बैग

एअर इंडिया की फ्लाइट AI 126, जो 6 मार्च को शिकागो से दिल्ली जा रही थी. करीब 10 घंटे उड़ान भरने के बाद वापस लौट आई.

वापस लौट आई

 एअर इंडिया ने सोमवार को कहा कि उड़ान के करीब 1 घंटे 45 मिनट बाद क्रू ने सूचना दी कि बिजनेस और इकोनॉमी क्लास के कुछ शौचालय जाम हो गए हैं.

शौचालय जाम

फ्लाइट के टॉयलेट छोटे और खास तकनीक से बनाए जाते हैं, ताकि ऊंचाई पर भी सही तरीके से काम करें. इनका साइज करीब 3×3 फीट होता है.

3×3 फीट

टॉयलेट में एक टॉयलेट सीट, छोटा सिंक और टिशू पेपर जैसी जरूरी चीजें होती हैं. इन टॉयलेट्स में वैक्यूम फ्लश सिस्टम होता है, जो पानी की बजाय हवा के प्रेसर से काम करता है.

हवा के प्रेसर 

 फ्लश बटन दबाते ही वैक्यूम पंप वेस्ट को तेजी से खींचकर नीचे स्टोरेज टैंक में भेज देता है. इससे पानी की खपत बेहद कम, सिर्फ आधा लीटर प्रति फ्लश ही होती है.

स्टोरेज टैंक

हवाई जहाज का पूरा वेस्ट एक खास टैंक में जमा होता है, जिसे लैंडिंग के बाद ग्राउंड क्रू साफ करता है. पुराने जमाने की अफवाहों के उलट, ये वेस्ट हवा में नहीं गिरता है.

हवा में नहीं गिरता 

 35,000 फीट की ऊंचाई पर कम दबाव की वजह से वैक्यूम सिस्टम जरूरी होता है, जो टॉयलेट को ठीक से काम करने में मदद करता है.

35,000 फीट की ऊंचाई