1 April 2025
Vivek Singh
एयरलाइन के टेकऑफ और लैंडिंग के दौरान लाइट्स बंद करने का मुख्य कारण सेफ्टी है. यह यात्रियों की आंखों को अंधेरे में एडजस्ट करने में मदद करता है और किसी भी आपात स्थिति में बेहतर विजन देता है.
जब विमान टेकऑफ या लैंडिंग कर रहा होता है, तो बाहर की विजिबिलिटी बहुत कम हो सकती है. इस समय लाइट्स बंद करने से यात्रियों की आंखों को अंधेरे में ढालने में मदद मिलती है, जिससे वे इमरजेंसी स्थिति में अपना बचाव कर सके.
कम विजिबिलिटी में सहायक
अगर इमरजेंसी स्थिति में विमान से निकासी की जरूरत पड़ी, तो लाइट्स बंद होने से अंदर के रास्तों और एग्जीट को देखना आसान हो जाता है. यह सुनिश्चित करता है कि यात्री सुरक्षित रूप से बाहर निकल सकें.
इमरजेंसी में एग्जीट आसान बनाना
टेकऑफ और लैंडिंग से पहले एयरलाइंस सेफ्टी ब्रीफिंग करती है, जिसमें यात्रियों को बताना होता है कि उन्हें किस प्रकार इमरजेंसी स्थिति में क्या करनी है. लाइट्स बंद करने से यह सुनिश्चित होता है कि यात्रियों की नजरें उनके आसपास के इमरजेंसी एग्जीट को आसानी से देख सकें.
सेफ्टी ब्रीफिंग का महत्व
जब विमान टेकऑफ या लैंडिंग कर रहा होता है, तो यात्रियों को अंधेरे में एडजस्ट किया जाता है. यह सुनिश्चित करता है कि अगर कोई इमरजेंसी होती है, तो वे तुरंत अपनी सीट बेल्ट खोलकर, एग्जीट द्वार तक पहुंच सकते हैं.
अंधेरे में यात्रा के दौरान सुरक्षा
इस दौरान, फ्लाइट क्रू भी पूरी तरह से तैयार रहते हैं और हर यात्री को इमरजेंसी निर्देश देते हैं. लाइट्स बंद करने से चालक दल को भी बिना किसी परेशानी के यात्रियों की स्थिति का पता करने और मदद देने में आसानी होती है.
क्रू मेंबर की तैयारी
इन दोनों चरणों में विमान की गति और ऊंचाई बदलती है, इसलिए ज्यादा सतर्कता की आवश्यकता होती है. लाइट्स बंद करने से यात्रियों की पूरी तरह इमरजेंसी निर्देशों पर फोकस करते है.
टेकऑफ और लैंडिंग में ज्यादा ध्यान
यह कदम विमान की सेफ्टी को बेहतर बनाता है. टेकऑफ और लैंडिंग के समय यात्रियों को सही तरीके से डायरेक्ट करना और उन्हें अंधेरे में एडजस्ट करना बेहतर सेफ्टी सुनिश्चित करता है.
सेफ्टी के लिए अहम