24 March 2025
Satish Vishwakarma
अक्सर सफर में बिना सोचे-समझे बोतलबंद पानी पी लेते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये हमारी सेहत पर क्या असर डाल सकता है? चलिए, इस बारे में जानते हैं.
हाल ही में FSSAI ने पैकेज्ड पानी को हाई-रिस्क फूड घोषित किया है, जिसका मतलब है कि अब इस पर सख्त जांच और नए नियम लागू होंगे.
FSSAI
हाई-रिस्क फूड वे होते हैं, जिनमें जल्दी मिलावट हो सकती है और जो सेहत के लिए खतरनाक हो सकते हैं. दूध, मांस, सीफूड, बेबी फूड, रेडी-टू-ईट फूड और अब पैकेज्ड पानी भी इसी लिस्ट में शामिल हो गया है.
हाई-रिस्क फूड क्या है?
1 लीटर बोतलबंद पानी में करीब 2,40,000 प्लास्टिक कण होते हैं. इनमें से 90% नैनोप्लास्टिक होते हैं, जो शरीर में जाकर नुकसान पहुंचा सकते हैं.
पैकेज्ड पानी में क्या दिक्कत है?
नैनोप्लास्टिक शरीर में प्रवेश कर रक्त प्रवाह में पहुंच सकते हैं, जिससे कैंसर, डायबिटीज और हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है.
नैनोप्लास्टिक से क्या खतरा है?
दरअसल ज्यादातर ब्रांड सिर्फ मार्केटिंग करते हैं. हिमालयन वाटर और प्योर मिनरल वाटर जैसे दावे अक्सर गुमराह करने वाले होते हैं.
क्या बोतलबंद पानी से कोई फायदा है?
हमेशा अपना खुद का मेटल या ग्लास बॉटल साथ रखें. अगर बोतलबंद पानी लेना ही है, तो ग्लास बोतल चुनें और BPA-फ्री प्लास्टिक की बोतल ही इस्तेमाल करें.
कैसे बचें इस खतरे से?
प्लास्टिक की बोतल गर्म होने पर खतरनाक केमिकल छोड़ सकती है. इसलिए, कभी भी प्लास्टिक की बोतल को धूप में या गर्म जगह पर न रखें.
गर्मी में प्लास्टिक की बोतल से खतरा
हमें इको-फ्रेंडली पैकेजिंग अपनानी चाहिए, जैसे ग्लास बॉटल्स, एल्यूमिनियम कैन, टेट्रा पैक, बायोडिग्रेडेबल बॉटल्स और स्टील कंटेनर.
बेहतर विकल्प क्या हैं?