27 Feb 2025
TejasChaturvedi
आज कल के व्यस्त दिनचर्या में कुछ लोग अपनी कार में पर्याप्त फ्यूल भरवाना भूल जाते हैं. कभी-कभी ये होता है कि लंबी दूरी की यात्रा के दौरान माइलेज का अंदाजा न होने पर भी कार का ईंधन खत्म हो जाता है.
कार टैंक के पूरी तरह से खाली होने से कुछ समय पहले एक इंडिकेटर से सूचना जरूर मिलती है. जिसे फ्यूल इंडिकेटर कहा जाता है.
फ्यूल इंडिकेटर
जब कभी भी इंस्ट्रूमेंट में ये लाइट ब्लिंक करने लगती है तो इसका ये साफ-साफ मतलब होता है कि कार में ईंधन की कमी है.
ईंधन की कमी की पता चलना
ऐसे कंडीशन में कई बार लोगों के जेहन में ये प्रश्न उठता है कि ब्लिंकर ऑन होने के बाद कार कितने किलोमीटर तक का सफर आसानी से तय कर सकता है.
ब्लिंकर ऑन होने के बाद
कुछ पुरानी कारों जैसे देवू मटीज और मारूति 800 इत्यादि में रिजर्व फ्यूल का इंडिकेटर दिया जाता था लेकिन अब मॉडर्न कारों में फ्यूल गेज पर केवल (F) फुल और (E) इंपटी का साइन मिलता है.
पुरानी गाड़ियों में फ्यूल इंडिकेटर
लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि मॉडर्न कारों में इमरजेंसी की कंडीशन में फ्यूल स्टोर नहीं होता है. ये अलग-अलग कार की मॉडल पर निर्भर करता है. ऐसा माना जाता है कि कार का फ्यूल इंडिकेटर ऑन होने के बाद कार में टोटल फ्यूल टैंक की क्षमता की करीबन 10 से 15 फीसदी फ्यूल बचा होता है.
इमरजेंसी की कंडीशन में फ्यूल स्टोर
यदि कार का फ्यूल टैंक 40 लीटर का है तो माना जाता है कि रिजर्व में लगभग 4 से 6 लीटर फ्यूल होगा. हालांकि जरुरी नहीं कि इतना ही हो. इस कंडीशन में यदि कार 15 KM/L तक की माइलेज दे रही है तो आप कार को तकरीबन 60 से 70 किमी की यात्रा कर सकते हैं.
कितने किलोमीटर की होगी यात्रा