29 Dec
Bankatesh kumar
महानगरों में लोगों को खाने के लिए ताजी और ऑर्गेनिक सब्जियां नहीं मिल पा रही हैं. इसके चलते शहरों में टेरेस फार्मिंग का चलन तेजी से बढ़ा है. जिनके घर के परिसर में गार्डन नहीं है, वे लोग बालकनी और गमले में ही सब्जियां उगा रहे हैं.
इससे उन्हें खाने के लिए ताजी और हरी-हरी सब्जियां मिल रही हैं. खास बात यह है कि टेरेस फार्मिंग के चलते लोगों को महंगाई से भी राहत मिल रही है. क्योंकि लोगों को हर हफ्ते सब्जी खरीदने के लिए मोटी रकम खर्च नहीं करनी पड़ रही है.
ऐसे में आज हम टेरेस फार्मिंग के कुछ ऐसे टिप्स बताएंगे, जिसकी मदद से आप अपने घर के अंदर ही सब्जियों का बंपर उत्पादन कर सकते हैं.
मशरूम: मशरूम मार्केट में बहुत महंगा बिकता है. इसका रेट 150 से 200 रुपये किलो के आसपास होता है. अगर आप चाहें, को कमरे के अंदर इसे उगा सकते हैं. दरअसल, मशरूम एक तरह का कवक है.
इसे भूसे के ढेर में उगाया जा सकता है. भूसे को गीला करने के बाद मशरूम की बुवाई की जाती है. इसकी खेती ऐसे कमरे में की जाती है, जहां पर हवा और धूप नहीं जाती हो. करीब एक महीने के बाद मशरूम का उत्पादन शुरू हो जाएगा.
गमले में टमाटर की खेती: गमले में टमाटर उगाने के लिए आपको बहुत ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी होगी. बस आपको मार्केट से कुछ गमले खरीद कर लाने होंगे. फिर इसमें मिट्टी और गोबर मिलाकर भर दें और टमाट के पौधों की बुवाई कर दें.
बुवाई करने के तीन महीने बाद उत्पादन शुरू हो जाएगा. अगर आप पांच गमले में पौधे लगाते हैं, फसल तैयार होने पर रोज 1 किलो तक टमाटर निकलेगा.
शिमला मिर्च: इसी तरह आप शमिला मिर्च की भी खेती गमले में कर सकते हैं. इसके लिए आपको मीडियम साइज के गमले खरीदने होंगे. इसमें मिट्टी भरने के बाद थोड़ी सी कोकोपीट मिला दें. इसके बाद शिमला मिर्च के पौधों की रोपाई करने के बाद हल्की सिंचाई कर दें.
फिर गमले को छत पर ऐसी जगह पर रखें, जहां सर्दी के मौसम में हल्की धूप मिल सके. वहीं, रोपाई करने के एक महीने बाद गमले में दो चम्मस वर्मी कंपोस्ट डाल दें. 90 दिन के अंद ही शिमला मिर्च का उत्पादन शुरू हो जाएगा.