23 Oct 2024
यतींद्र लवानिया
भारत में मोमबत्ती के बाजार का आकार 2023 में करीब 6500 करोड़ रुपये था.
एक अनुमान के मुताबिक 2024 में भारत में मोमबत्ती का बाजार बढ़कर करीब 7 हजार करोड़ रुपये का हो जाएगा.
भारत का मोमबत्ती बाजार 2024 से 2030 तक 9.4% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से बढ़कर 2030 तक 11 हजार करोड़ रुपये के तक पहुंच सकता है.
निर्माण सामग्री के हिसाब से मोमबत्ती चार तरह की होती हैं. पैराफिन मोमबत्ती सबसे ज्यादा चलन में है. सोया मोम, मधुमक्खी के मोम पाम मोम से भी ये बनती हैं.
2023 में 30.6% की हिस्सेदारी के साथ पैराफिन मोम मोमबत्तियां भारत के मोमबत्ती बाजार पर हावी रहीं.
मोटे तौर पर मोमबत्ती उद्योग संगठित नहीं है. लेकिन, एकम, जॉय कैंडल, माएवा, मिनिसो, आरएडी लिविंग, मीसा बड़ी कंपनियां हैं.
स्मिसेंस, बेला वीटा, वेदा ऑयल्स और जॉयस बीम कैंडल्स जैसी कंपनियां भी मोमबत्ती निर्माण में सक्रिय हैं.
2023 में भारत के मोमबत्ती बाजार में ऑफलाइन चैनलों के माध्यम से हुई बिक्री का राजस्व हिस्सा 69.72% था
भारत दुनिया के सबसे बड़े मोमबत्ती निर्यातकों में से एक है. 2022 में भारत ने 700 करोड़ रुपये से ज्यादा की मोमबत्तियां निर्यात की थीं.