21 Dec 2024
satish vishwakarma
क्या आपने कभी आसमान में उड़ते हेलीकॉप्टर को देखा है? ऐसा लगता है जैसे वह हमारे सिर के ऊपर से गुजर रहा हो. इसे देखकर अक्सर मन में सवाल आता है कि हेलीकॉप्टर कितनी ऊंचाई तक उड़ सकता है. आइए, इस सवाल का जवाब जानते हैं.
हेलीकॉप्टर की उड़ान की ऊंचाई अलग-अलग स्थानों पर निर्भर करती है. उदाहरण के लिए, जब यह पहाड़ी इलाकों में उड़ता है, तो इसकी ऊंचाई सामान्य जगहों से अलग होती है.
जब हेलीकॉप्टर एक ही स्थान पर स्थिर रहता है, तो इसे हावरिंग कहते हैं. सामान्य परिस्थितियों में हेलीकॉप्टर 3.2 किलोमीटर (10,400 फीट) तक हावर कर सकता है. वहीं, पहाड़ी इलाकों में यह सीमा बढ़कर 4.2 किलोमीटर तक हो सकती है.
जैसे-जैसे हेलीकॉप्टर ऊंचाई पर चढ़ता है, हवा की डेंसिटी कम होने लगती है. ऊंचाई बढ़ने के साथ हेलीकॉप्टर को अधिक ऊर्जा की जरूरत होती है, जिससे उसे उड़ाना कठिन हो जाता है.
हेलीकॉप्टर अधिकतम 7.6 किलोमीटर (25,000 फीट) की ऊंचाई तक उड़ सकता है. हालांकि, यह जेट विमानों की तुलना में कम है, लेकिन फिर भी यह काफी ऊंचाई है.
3.8 किलोमीटर (12,500 फीट) से अधिक ऊंचाई पर ऑक्सीजन की कमी होने लगती है. इस कारण, इस ऊंचाई पर पायलट को ऑक्सीजन मास्क का इस्तेमाल करना पड़ता है.
हेलीकॉप्टर आमतौर पर 1.8 किलोमीटर (6,000 फीट) से लेकर 4 किलोमीटर (13,000 फीट) की ऊंचाई तक उड़ सकता है. इस ऊंचाई पर यह बादलों के ऊपर से गुजरने में सक्षम होता है.
हेलीकॉप्टर के लिए 3 किलोमीटर (10,000 फीट) की ऊंचाई को सबसे आदर्श माना जाता है. इस ऊंचाई पर इसका संचालन कुशल और सेफ रहता है.
एक हेलीकॉप्टर ने अब तक की सबसे ऊंची उड़ान 12.4 किलोमीटर (40,820 फीट) की भरी है. हालांकि, यह विशेष परिस्थितियों में ही संभव हो पाता है.
जैसे-जैसे ऊंचाई बढ़ती है, हेलीकॉप्टर अस्थिर हो सकता है. इंजन की क्षमता घटने लगती है, और ब्लेड ठीक से काम नहीं कर पाते. ऐसी स्थिति में पायलट को सावधानीपूर्वक उड़ाना होता है.