06 April 2025
Bankatesh kumar
बिहार- उत्तर प्रदेश सहित लगभग सभी राज्यों में गेहूं और चना सहित अन्य रबी फसलों की कटाई शुरू हो गई है. इसके बाद किसान 2 महीने तक आराम करेंगे.
मॉनसून के आगमन होने पर जून-जुलाई से धान की रोपाई शुरू हो जाएगी. लेकिन इससे पहले 2 महीने तक अधिकांश किसानों के खेत खाली रहते हैं.
लेकिन किसानों को अपने खेत को खाली नहीं रखना चाहिए. आज हम ऐसी फसलों के बारे में बात करेंगे, जो कम लगात में ही तैयार हो जाती है.
किसान गेहूं की कटाई करने के बाद पिपरमिंट (मेंथा)की खेती कर सकते हैं. इसकी मार्केट में अच्छी डिमांड है. इसके चलते इसकी खेती में कमाई ही कमाई है.
खास बात यह है कि मेंथा एक औषधीय फसल है और इसकी खेती में ज्यादा लागत भी नहीं आती है. 8 हजार रुपये में ही इसकी खेती हो जाती है.
लेकिन लागत के मुकाबले इसमें 6 से 7 गुना अधिक मुनाफा है.यानी आप 8 हजार रुपये निवेश करते हैं, तो 50 से 56 हजार रुपये तक की कमाई कर सकते हैं.
पिपरमिंट से कई तरह के औषधीय तेल और आयुर्वेदिक दवाइयां तैयार की जाती हैं.इसका तेल भी मार्केट में बहुत महंगा बिकता है.
पिपरमिंट की नर्सरी भी धान की नर्सरी की तरह खेत तैयार की जाती है. 20 से 25 दिन बाद इसकी रोपाई की जाती है.
पिपरमिंट से न केवल ब्यूटी प्रोडक्ट्स बनाए जाते हैं, बल्कि इसका इस्तेमाल टूथपेस्ट, खुशबूदार तेल, टॉफी, साबुन, पाउडर और ठंडे तेल जैसे कई प्रोडक्ट्स में भी किया जाता है.