24 March 2025
Soma Roy
भारत में बहुत से लोग आज भी पैसों की तंगी से जूझते हैं, खासकर जब अचानक मेडिकल इमरजेंसी या नौकरी छूटने जैसी मुसीबत आती है. ऐसे में एक इमरजेंसी फंड आपके बड़ा काम आ सकता है. ये महज 12 महीनों में तैयार हो सकता है.
फिनोलॉजी वेंचर्स के एक सर्वे में पता चला कि 75% भारतीयों ने इमरजेंसी फंड की सही प्लानिंग नहीं की है, जिससे आगे चलकर कर्ज में डूबने का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में कैसे बनाएं इमरजेंसी फंड, समझें तरीके.
सर्वे में सामने आया सच
सबसे पहले अपने महीने के खर्चों का हिसाब लगाएं, जैसे- किराया, बिजली-पानी का बिल, राशन, लोन या क्रेडिट कार्ड की EMI, वगैरह. कम से कम 3 से 6 महीने के खर्चे को कवर करने का प्लान बनाएं. इससे सही बचत का टारगेट सेट होगा.
अपने महीने के खर्चे समझें
अपने रोज के खर्चों से इमरजेंसी फंड को अलग रखने के लिए एक नया सेविंग्स अकाउंट खोल लें. HDFC बैंक, उज्जिवन स्मॉल फाइनेंस बैंक और कोटक बैंक जैसे बैंकों में इसके लिए खास अकाउंट्स मिलते हैं.
अलग बचत खाता खोलें
अक्सर लोगों की आदत होती है कि सैलरी आते ही खर्चे शुरू कर देते हैं. इसे कंट्रोल करने के लिए जरूरी खर्चों को प्राथमिकता दें और बाहर खाना, महंगी घड़ियां या कपड़े जैसी लग्जरी चीजों पर ब्रेक लगाएं. इसे इमरजेंसी फंड में डाल दें.
गैर-जरूरी खर्चों में कटौती करें
अपनी मेन इनकम के साथ-साथ फ्रीलांसिंग, कोई साइड बिजनेस या छोटा-मोटा काम शुरू करें. थोड़ी-सी एक्स्ट्रा कमाई भी आपके बचत के लक्ष्य को तेजी से पूरा कर सकती है.
कमाई के रास्ते बढ़ाएं
बहुत से लोग इमरजेंसी फंड से निश्चिंत हो जाते हैं और इसके जुड़ने पर खर्च करने की सोचते हैं, लेकिन आप इस फंड को भूल जाएं. इसका इस्तेमाल महज आपातकालीन स्थितियों में ही करें.
इमरजेंसी फंड को भूल जाएं
अपनी बचत को हर महीने चेक करें और जरूरत पड़े तो इसमें बदलाव करें. लगातार ट्रैकिंग से फोकस बना रहता है और आप तय वक्त में टारगेट पूरा कर पाएंगे.
हर महीने प्रोग्रेस चेक करें