जंगल में आग इसलिए आया मुहावरा, जानें 10-20 का फंडा

6 March 2025

Pratik Waghmare

गर्मी बढ़ने और सूखे की वजह से वाइल्डफायर यानी जंगल में लगने वाली आग, ज्यादा तेजी से और ज्यादा बड़े पैमाने पर फैल रही हैं. कई देशों का अधिकतम तापमान भी बढ़ रहा है.

क्यों बढ़ रहे वाइल्डफायर

आग को पेड़-पौधे, ऑक्सीजन और गर्मी की जरूरत होती है. गर्मियों में सूखा पड़ने पर छोटी-सी चिंगारी (जैसे ट्रेन से निकली चिंगारी या बिजली गिरने) से भी जंगल में आग लग सकती है. ज्यादातर आग इंसानों की लापरवाही से लगती है, जैसे जली हुई सिगरेट फेंकना, आतिशबाजी, गलत तरीके से आग जलाना या जानबूझकर आग लगाना.

आग कैसे शुरू होती है

तेज हवा से आग को दूर तक फैला सकती है. ऊंचाई (ढलान) पर आग तेजी से फैलती है. 10% की चढ़ाई पर आग की रफ्तार दोगुनी हो जाती है. 20% की चढ़ाई पर यह चार गुना तेज हो सकती है. सूखी घास, झाड़ियां आग को भड़काते हैं. 

तेजी से क्यों फैलती हैं आग

कम बारिश और तेज गर्मी जंगल को सूखा बना देती है, जिससे आग लगने का खतरा बढ़ जाता है. दोपहर में तापमान सबसे ज्यादा होने पर जंगल की सूखी लकड़ियां और झाड़ियां जलने लगती हैं. तेज हवा आग को और तेज बना देती है.

मौसम का असर

सूखा हटाना सबसे जरूरी होता है, क्योंकि मौसम को बदला नहीं जा सकता. फायरफाइटर आग से आगे बढ़कर पेड़-झाड़ियां काटकर रास्ता साफ कर देते हैं. बुलडोजर और हाथ के औजारों से एक चौड़ी खाई बनाई जाती है, जिससे आग को फैलने से रोका जा सके. 

आग कैसे बुझाई जाती है 

वाइल्डफायर ज्यादातर इंग्लैंड, वेल्स, उत्तरी आयरलैंड और स्कॉटलैंड के ग्रामीण इलाकों में होते हैं.UK में आग अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका या कनाडा जितनी भयंकर नहीं होती, लेकिन बढ़ रही है. सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, 2080 तक UK में वाइल्डफायर 30-50% बढ़ सकते हैं.

UK में वाइल्डफायर का खतरा

UN की रिपोर्ट बताती है कि क्लाइमेट चेंज के कारण अत्यधिक गर्मी, सूखा और तेज हवाओं की घटनाएं बढ़ रही हैं. अगर समय पर कदम नहीं उठाए गए, तो आग, हीटवेव और सूखे की घटनाएं और बढ़ जाएंगी.

क्लाइमेट चेंज का असर

कम ज्वलनशील पेड़ लगाने पर जोर दिया जा रहा है. नियमित रूप से पेड़ों की कटाई की जाती है, ताकि जंगलों में सूखी लकड़ियां जमा न हों. सरकार ने वाइल्डफायर रोकने के लिए दिशानिर्देश भी जारी किए हैं.

UK में कैसे रोकी जा रही आग