अगर कोई IPO 100% न हो सब्‍सक्राइब तो जानें क्‍या होगा

17 Oct 2024

Soma Roy

जब किसी कंपनी को बिजनेस के विस्‍तार के लिए पैसों की जरूरत होती है तब वह आईपीओ लॉन्‍च करती है.

कब लाते हैं आईपीओ? 

आईपीओ में मौजूद शेयरों का एक प्राइस बैंड तय किया जाता है, साथ ही निवेशकों को उसके लिए बोली लगाने का मौका मिलता है.

निवेशक लगाते हैं बोली

हाल ही में बाजार में कई आईपीओ पेश हुए. इनमें हुंडई इंडिया का आईपीओ भी है. मगर इसे सब्‍सक्रिप्‍शन कम मिल रहे हैं, जिसकी वजह से इसका पूरी तरह से सब्‍सक्राइब होना मुश्किल हो गया. 

हुंडई के आईपीओ को मिला ठंडा रिस्‍पॉन्‍स 

इससे सवाल उठता है कि अगर किसी कंपनी का आईपीओ पूरी तरह सब्सक्राइब नहीं हुआ तो क्या होगा?  इसके लिए सेबी के कुछ  नियम हैं.

क्‍या है सेबी के नियम?

सेबी के नियमों के तहत कंपनी को आईपीओ के लिए पेश किए गए शेयरों के कम से कम 90% आवेदन प्राप्त होने चाहिए.

कितना सब्‍सक्रिप्‍शन जरूरी 

अगर कंपनी शेयरों की न्यूनतम स‍ब्‍सक्रिप्‍शन को पूरा नहीं कर पाती है, तो उसे जुटाई गई पूरी राशि निवेशकों को वापस करनी होगी.

वापस करनी होगी रकम 

अगर आईपीओ 90% या उससे ज़्यादा सब्सक्राइब हो जाता है लेकिन पूरी तरह से नहीं होता है तो सॉफ्ट अंडरराइटिंग देना होगा. यह तब होता है जब कोई अंडरराइटर इश्यू बंद होने के बाद शेयर खरीदने के लिए सहमत  होता है.

सॉफ्ट अंडरराइटिंग की जरूरत 

हुंडई मोटर इंडिया के आईपीओ को दूसरे दिन महज 43% सब्सक्राइब किया गया था, हालांकि तीसरे दिन इसे पूरी तरह सब्‍सक्राइब कर  लिया गया.

तीसरे दिन हुआ पूरा सब्‍सक्राइब