इस देश में बनते हैं दुनिया के सबसे ज्यादा टायर, US-जर्मनी हैं बड़े खरीदार

27 March 2025

Pratik Waghmare

भारत दुनिया के सबसे बड़े टायर निर्माताओं में से एक है, भारत हर साल करीब 20 करोड़ टायर बनाता है. न केवल घरेलू मांग से यह उद्योग चलता है, बल्कि टायर एक्सपोर्ट भी तेजी से बढ़ रहा है.

टायर बनाने में नंबर 1

वित्त वर्ष 2024-25 के पहले छह महीनों (अप्रैल-सितंबर) में भारत से टायर एक्सपोर्ट 11.7% बढ़कर 12,131 करोड़ तक पहुंच गया है. यह आंकड़ा ऑटोमोटिव टायर मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (ATMA) के अनुसार जारी किया गया है.

12000 करोड़ का एक्सपोर्ट

टायर एक्सपोर्ट 6% बढ़ा है, जबकि मोटरसाइकिल टायरों का एक्सपोर्ट 37% तक उछला है पहले छह महीनों में 35 लाख मोटरसाइकिल टायर एक्सपोर्ट किए गए. कोलंबिया भारत से सबसे ज्यादा मोटरसाइकिल टायर खरीदता है.

बाइक का टायर

भारत के टायर सबसे ज्यादा अमेरिका (US) को एक्सपोर्ट किए जाते हैं. अमेरिका कुल टायर एक्सपोर्ट का 15% से अधिक हिस्सा रखता है. ब्राजील, जर्मनी, UAE, फ्रांस और इटली भी प्रमुख खरीदार देशों में शामिल हैं.

अमेरिका बड़ा इंपोर्टर

भारत नए टायरों का एक्सपोर्ट करता है, लेकिन कई पश्चिमी देश अपने पुराने और बेकार टायर (End-of-Life Tyres - ELTs) भारत को भेजते हैं. 2023 में ही भारत ने 8 लाख टन स्क्रैप टायर इंपोर्ट किए. भारत दुनिया के कुल स्क्रैप टायर का 30% हिस्सा खरीदता है, और इसमें से आधे से ज्यादा UK से आते हैं.

स्क्रैप टायर: भारत खरीदार

समस्या तब होती है जब ये स्क्रैप टायर अवैध पाइरोलिसिस प्लांट्स में पहुंच जाते हैं. पाइरोलिसिस एक प्रक्रिया है जिसमें टायरों को बिना ऑक्सीजन के 500°C पर गर्म किया जाता है ताकि ईंधन निकाला जा सके. लेकिन गलत तरीके से किए जाने पर यह भारी प्रदूषण फैलाता है.

पर्यावरण को नुकसान

UK में खुद टायर रीसाइक्लिंग की सुविधा होने के बावजूद वे इन्हें भारत भेजते है, क्योंकि भारत में स्क्रैप टायर का रीसाइक्लिंग खर्च कम है. UK में टायरों को सड़क निर्माण और ड्रेनेज सिस्टम के लिए इस्तेमाल किया जाता था.

भारत में स्क्रैप टायर क्यों?

सरकार ने अब इस पर सख्ती शुरू कर दी है. पर्यावरण मंत्रालय ने पाइरोलिसिस के लिए वेस्ट टायर के आयात पर रोक लगा दी है. CPCB ने 19 राज्यों में 270 अवैध पाइरोलिसिस प्लांट बंद कर दिए हैं.

सरकार कर रही सख्ती