भारत का ISRO, अमेरिका का NASA, तो चीन और पाक का क्या

08 March 2025

Satish Vishwakarma

जब भी हम अंतरिक्ष के बारे में सोचते हैं, तो हमारे दिमाग में ग्रह, उपग्रह और तारों की एक रहस्यमयी छवि उभरने लगती है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये विचार हमारे दिमाग में आखिर आते कैसे हैं?

अंतरिक्ष की दुनिया में कदम

चाहे चंद्रमा पर पहला कदम रखने की बात हो या मंगल की सतह पर रोवर की छाप छोड़ने की, यह सब संभव हुआ है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह सब संभव कैसे हुआ?  

यह कैसे संभव हुआ? 

इन सभी उपलब्धियों के पीछे दुनिया की बेहतरीन अंतरिक्ष एजेंसियों का योगदान है. आइए जानते हैं दुनिया की 8 सबसे शक्तिशाली अंतरिक्ष एजेंसियों के बारे में, जिन्होंने इनता कुछ संभव किया है. 

दुनिया की शीर्ष अंतरिक्ष एजेंसियां

नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) दुनिया की सबसे शक्तिशाली अंतरिक्ष एजेंसी है. 1958 में स्थापित इस एजेंसी ने अपोलो मिशन के तहत मानव को चंद्रमा तक पहुँचाया था.  

अमेरिका की NASA

रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस दुनिया की दूसरी सबसे शक्तिशाली अंतरिक्ष एजेंसी मानी जाती है. सोवियत संघ (USSR) ने 1957 में दुनिया का पहला कृत्रिम उपग्रह "स्पुतनिक" लॉन्च किया था.

रूस की रोस्कोस्मोस

27 देशों के गठजोड़ से बनी यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) 1975 से यूरोप की अंतरिक्ष शक्ति को दर्शा रही है. इस एजेंसी के रोसेटा मिशन और गैलीलियो सैटेलाइट सिस्टम इसकी प्रमुख उपलब्धियाँ हैं.  

यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA)

चीन की अंतरिक्ष एजेंसी चाइना नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (CNSA) 1993 में स्थापित हुई थी और इसने बहुत तेजी से प्रगति की है. इसकी प्रमुख उपलब्धियों में चांग'ई मिशन के तहत चंद्रमा पर कदम रखना और तियानगोंग स्पेस स्टेशन शामिल हैं.   

चीन की CNSA

भारत की अंतरिक्ष अनुसंधान संस्था ISRO वर्तमान में तेजी से अंतरिक्ष जगत में अपनी उपस्थिति मजबूत कर रही है. कम बजट में मंगलयान और चंद्रयान सीरीज जैसी बड़ी उपलब्धियाँ हासिल करना इसकी सबसे उल्लेखनीय सफलताएं हैं.

भारत का ISRO

अगर स्पेस की दुनिया में पाकिस्तान की स्थिति का बात की जाएं तो वह काफी पीछे है. पाकिस्तान की स्पेस एजेंसी SUPARCO की शुरुआत 1961 में हुई. इसने अमेरिका की मदद से रेहबार-1 लॉन्च किया है.

पाकिस्तान का हाल