21 March 2025
Tejaswita Upadhyay
2024 में भारत ने 327 IPO लिस्टिंग के साथ दुनिया में सबसे अधिक सार्वजनिक पेशकशें दर्ज कीं. भारत में IPO की कुल वैल्यू $20 बिलियन रही, जो वैश्विक बाजार में देश की मजबूत आर्थिक स्थिति को दर्शाती है.
अमेरिका ने 183 IPO लिस्टिंग दर्ज कीं, जो संख्या के हिसाब से भारत से कम है. हालांकि, अमेरिकी IPOs की कुल वैल्यू $33 बिलियन रही, जो इसे सबसे अधिक पूंजी जुटाने वाला देश बनाता है.
अमेरिका दूसरे स्थान पर, लेकिन सबसे ज्यादा वैल्यू
चीन ने 2024 में 98 IPO लिस्ट किए, जिनकी वैल्यू $9 बिलियन रही. वहीं, यूरोप (UK को छोड़कर) ने 115 IPOs के साथ $18 बिलियन की पूंजी जुटाई, जो वैश्विक स्तर पर इसकी महत्वपूर्ण हिस्सेदारी को दर्शाता है.
चीन और यूरोप की स्थिति
एशिया के अन्य देशों में, हॉन्ग कॉन्ग ने 64 IPOs के साथ $11 बिलियन और जापान ने 84 IPOs के साथ $6 बिलियन जुटाए. यह दिखाता है कि एशियाई बाजार निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.
हॉन्ग कॉन्ग और जापान भी सूची में शामिल
मलेशिया ने 49 IPOs के जरिए $2 बिलियन, सऊदी अरब ने 42 IPOs के साथ $4 बिलियन, और दक्षिण कोरिया ने 75 IPOs के साथ $3 बिलियन जुटाए. ये देश भी IPO बाजार में अपनी पकड़ मजबूत कर रहे हैं.
मलेशिया, सऊदी अरब और दक्षिण कोरिया का प्रदर्शन
यूके ने 2024 में सिर्फ 10 IPOs दर्ज किए, जिनकी कुल वैल्यू $1 बिलियन रही. यह दर्शाता है कि ब्रिटेन की IPO गतिविधि अन्य देशों की तुलना में धीमी रही, संभवतः ब्रेक्सिट के प्रभावों के कारण.
ब्रिटेन का IPO बाजार धीमा
भारतीय निवेशक IPOs में तेजी से रुचि दिखा रहे हैं, जिससे नई कंपनियों के लिए पूंजी जुटाना आसान हो रहा है. नियामकीय सुधार, डिजिटल निवेश प्लेटफॉर्म और खुदरा निवेशकों की बढ़ती भागीदारी इसके पीछे मुख्य कारण हैं.
भारत में IPOs की बढ़ती लोकप्रियता
विशेषज्ञों का मानना है कि AI, ग्रीन टेक्नोलॉजी और फिनटेक कंपनियां अगले कुछ वर्षों में IPO बाजार में प्रमुख भूमिका निभाएंगी. भारत और अमेरिका जैसे देशों में IPO गतिविधि 2025 में भी मजबूत रहने की संभावना है.
वैश्विक IPO बाजार का भविष्य