16 March 2025
Satish Vishwakarma
जब भी हम साफ-सुथरी और हरी-भरी जगह के बारे में सोचते हैं, तो अक्सर किसी हाई-टेक शहर या खूबसूरत शहरों का ख्याल आता है. लेकिन भारत में कुछ गांव ऐसे हैं, जो शहरों से भी ज्यादा साफ-सुथरे हैं.
आज हम आपको ऐसे ही पांच गांवों के बारे में बताएंगे, जहां के लोग आपस में मिलजुलकर अपने गांव को साफ-सुथरा बनाए हुए हैं, जिस वजह से ये गांव पूरे देश में चर्चा में रहते हैं.
यह गांव अपनी सफाई और हरियाली के लिए मशहूर है. यहां के लोग खुद अपने हाथों से गांव की सफाई करते हैं. जिस वजह से इसे एशिया के सबसे साफ गांव की कैटेगरी में शामिल किया गया है.
मावल्यान्नॉन्ग, मेघालय
गांव के लोग प्लास्टिक पर पूरी तरह से प्रतिबंध किया है. हर कोई अपने आसपास की सफाई खुद करता है. इसके अलावा हर घर में शौचालय, खुले में शौच पूरी तरह बंद है.
कैसे हुआ संभव?
यह गांव न सिर्फ साफ-सुथरा है, बल्कि यहां जल संरक्षण और कचरा मैनेजमेंट भी बहुत शानदार तरीके से किया जाता है. यह गांव सफाई के साथ ही पानी बचाने के बेहतरीन उदाहरण की मिशाल है.
बगहुवार, मध्य प्रदेश
यह साल 2007 में ही खुले में शौच मुक्त गाँव बना गया. यहां हर घर में शौचालय और सामुदायिक टॉयलेट की सुविधा है. यहां के लोग बारिश के पानी का संचयन और पानी की रीसाइक्लिंग करते हैं.
कैसे हुआ संभव?
इस गांव की खासियत ये है कि यह गांव पूरी तरह से तंबाकू और प्लास्टिक से मुक्त है. यहां के लोग पर्यावरण को बचाने के लिए नए-नए उपाय अपनाते हैं.
सिशुनु, नागालैंड
इस गांव के लोग तंबाकू और धूम्रपान पर सख्त प्रतिबंध है. यहां प्लास्टिक पूरी तरह से बैन, कचरे का सही निपटान है. साथ ही यहां कचरे को सड़क बनाने में उपयोग किया जाता है.
कैसे हुआ संभव?
यह गांव केरल का पहला ऑफिशियल हरित गांव है, जहां ऊर्जा बचाने और कचरा मैनेजमेंट के लिए अनूठे कदम उठाए गए हैं.
थुरुथिक्करा, केरल
यह भारत का सबसे बड़ा नदी द्वीप है, जहां के लोग पर्यावरण को प्राथमिकता देते हैं.
माजुली, असम
यहां बांस से बने घर, जो टिकाऊ और सुंदर होते हैं. पूरे गांव में सफाई का विशेष ध्यान ख्याल रखा जाता है. प्रकृति के साथ सामंजस्य बैठाकर खेती और रहन-सहन है.
कैसे हुआ संभव?
यहां बांस से बने घर, जो टिकाऊ और सुंदर होते हैं. पूरे गांव में सफाई का विशेष ध्यान ख्याल रखा जाता है. प्रकृति के साथ सामंजस्य बैठाकर खेती और रहन-सहन है.
कैसे हुआ संभव?