24 March 2025
Pratik Waghmare
नंबर प्लेट, जिसे व्हीकल रजिस्ट्रेशन प्लेट भी कहा जाता है, भारत में सभी वाहनों के लिए कानूनी रूप से अनिवार्य है. यह न केवल गाड़ी की पहचान बताती है बल्कि उसके रजिस्ट्रेशन और उपयोग से जुड़ी जानकारी भी देती है.
ये हम-आप के लिए यानी प्राइवेट निजी वाहनों के लिए इस्तेमाल होती है. इसका सफेद बैकग्राउंड होता है जिसपर पर काले अक्षर और नंबर होते हैं. नियम है कि इसका कमर्शियल इस्तेमाल नहीं हो सकता.
व्हाइट नंबर प्लेट
इसका इस्तेमाल इलेक्ट्रिक वाहन (EV) के लिए होता है. अगर प्राइवेट EV है तो ग्रीन प्लेट पर सफेद लिखे जाते हैं. अगर कमर्शियल इस्तेमाल के लिए EV है तो पीले अक्षर होंगे और ग्रीन प्लेट.
ग्रीन नंबर प्लेट
इसका इस्तेमास टैक्सी, बस, ऑटो, ट्रक जैसे कमर्शियल ट्रांसपोर्ट वाहनों के लिए होता है. इसमें प्लेट पीली होती है और उसपर पर काले अक्षर लिखे होते हैं.
येलो नंबर प्लेट
इसका इस्तेमाल भारत में विदेशी दूतावासों और मिशनों के वाहनों के लिए होता है. इसकी प्लेट नीली होती है और उसपर सफेद अक्षर और नंबर होते हैं. इसके अलावा अतिरिक्त चिह्न भी होते हैं जैसे CC (Consular Corps), UN (United Nations), DC (Diplomatic Corps) आदि.
ब्लू नंबर प्लेट
इसका इस्तेमाल नए वाहनों के लिए होते हैं जो अस्थायी रजिस्ट्रेशन माना जाता है. प्लेट लाल होती है जिसपर सफेद अक्षर और नंबर होते हैं. ये केवल 30 दिन के लिए ही वैलिड होती है
रेड नंबर प्लेट
एक और पीली प्लेट वाली नंबर प्लेट होती है जिसपर ऊपर की ओर तीर होता है. ये भारतीय सेना के वाहन होते हैं. इनकी प्लेट पीली होती है जिसपर काले अक्षर और नंबर होते हैं. ऊपर की ओर इंगित तीर होता है.
सेना के लिए
राष्ट्रीय प्रतीक वाली रेड नंबर प्लेट भी होती हैं. इसका इस्तेमाल राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यपालों के आधिकारिक वाहन में होता है. इसकी प्लेट लाल होती है जिसपर सफेद अक्षर और नंबर होते हैं. साथ में भारत का राष्ट्रीय प्रतीक (अशोक स्तंभ) होता है.
सरकारी अधिकारियों के लिए