21 March 2025
VIVEK SINGH
भारत सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दे रही है. कई राज्यों ने 15 साल से पुरानी पेट्रोल और डीजल गाड़ियों पर बैन लगाने की योजना बनाई है. इसका उद्देश्य वायु प्रदूषण को कंट्रोल करना है.
मध्य प्रदेश में 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों पर बैन की चर्चा हो रही है. अगर इसे लागू किया गया, तो पुरानी गाड़ियों को फिटनेस सर्टिफिकेट और ईंधन नहीं मिलेगा.
मध्य प्रदेश - जल्द ही पुरानी गाड़ियों पर बैन?
महाराष्ट्र सरकार ने एक कमेटी बनाई है जो मुंबई महानगर क्षेत्र में 15 साल से पुरानी पेट्रोल और डीजल गाड़ियों पर बैन की जांच कर रही है. अगर लागू हुआ, तो सिर्फ CNG और इलेक्ट्रिक वाहन ही चलेंगे.
मुंबई भी लगा सकता है बैन
तेलंगाना में पुरानी गाड़ियों पर बैन नहीं है, लेकिन कड़े फिटनेस टेस्ट हैं. जो गाड़ियां टेस्ट पास नहीं करतीं, उन्हें स्क्रैप कर दिया जाएगा. ग्रीन टैक्स चुकाने पर 3-5 साल और चलाने की अनुमति मिल सकती है.
तेलंगाना में कड़े फिटनेस टेस्ट
कोलकाता में 15 साल से पुरानी टैक्सियों और कमर्शियल गाड़ियों को स्क्रैप करने का आदेश दिया गया है. पुराने वाहन अगर सही तरीके से स्क्रैप किए जाएं, तो उसी परमिट पर नई गाड़ी चलाई जा सकती है.
कोलकाता में पुराने कैब्स पर रोक
तेलंगाना में 30 लाख से ज्यादा 15 साल पुरानी गाड़ियां हैं. पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप करने और नई गाड़ियों की खरीद पर 10-15 फीसदी की टैक्स छूट देने की योजना है.
सरकार की स्क्रैपिंग पॉलिसी
इन राज्यों का उद्देश्य वायु प्रदूषण को कंट्रोल करना और AQI को बेहतर बनाना है. पुरानी गाड़ियां प्रदूषण का मुख्य कारण मानी जाती हैं. इसलिए सरकार कड़े कदम उठा रही है.
वायु प्रदूषण की समस्या से निपटना
इस फैसले का असर वाहन मालिकों और ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री पर पड़ेगा. पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप करना महंगा साबित हो सकता है, लेकिन यह साफ पर्यावरण के लिए जरूरी कदम है.
जनता पर क्या होगा असर