12 Nov 2024
Bankatesh kumar
देश में पशुपालन धीरे-धीरे बिजनेस का रूप ले रहा है. गांव से लेकर शहरों तक में लोग बड़े स्तर पर पशुपालन कर रहे हैं. इससे उन्हें बंपर कमाई हो रही है.
लेकिन तेजी से चारे की बढ़ती कीमतों ने पशुपालकों की चिंता बढ़ा दी है. महंगाई की वजह से बहुत से किसान अपने दुधारू मवेशियों को हरा चारा नहीं खिला पा रहे हैं.
लेकिन अब ऐसे किसानों की चिंता करने की जरूरत नहीं है. अब वे घर पर ही कम खर्चे में अजोला की खेती कर सकते हैं.
इसे खिलानों से पशु ज्यादा दूध देने लगते हैं, क्योंकि इसमें कई सारे मिनिरल्स और पोषक तत्व पाए जाते हैं.
अजोला एक तरह की जलीय फर्न की प्रजाति है. यह तालाबों या ठहरे हुए पानी की सतह पर पनपता है. लेकिन यह पशुओं के लिए बहुत ही फायदेमंद है.
अगर किसान इसकी खेती करते हैं, तो पशुओं के लिए कम लागत में हरे चारे की व्यवस्था हो जाएगी. साथ पशुओं को पोषण से भरपूर आहार भी मिल जाएगा.
एक्सपर्ट के मुताबिक, अजोला में 25-35 प्रतिशत पाच्य प्रोटीन मौजूद होता है. यही वजह है कि दुधारू पशुओं के लिए अजोला को प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत माना गया है.
साथ ही इसमें बीटा कैरोटीन, विटामिन बी12, कैल्शियम, पोटेशियम, फास्फोरस और मैग्नीशियम जैसे खनिज भी पाए जाते हैं.
किसान इसे तालाब में पूरे साल उगा सकते हैं. इस फीड सप्लीमेंट को तैयार करने में लागत भी बहुत कम आती है.