29 March 2025
Bankatesh kumar
आम के पेड़ में अब टिकोले बनने शुरू हो गए हैं. लेकिन इसके बावजूद भी अधिकांश किसानों की शिकायत रहती है कि उनके पेड़ पर हर साल आम नहीं आते हैं.
लेकिन अब किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. अगर उनके पेड़ पर हर साल आम नहीं आते हैं, तो वे कल्टार (पंक्लोब्युट्राझॉल ) का इस्तेमाल कर सकते हैं.
लेकिन इससे पहले आपको कल्टार के इस्तेमाल करने की विधि के बारे में बारीकी से जनना होगा. दरअसल, कल्टार एक विकास निरोधक हार्मोन होता है.
इसके इस्तेमाल से आम के पेड़ पर हर साल फूल और फल आते हैं. लेकिन कल्टार का इस्तेमाल करते समय पेड़ की उम्र को ध्यान में न रखते हुए उसके आकर को ध्यान में रखना चाहिए.
इसके लिए पेड़ का कुल विस्तार नापकर उसके आधार पर कल्टार की मात्रा निर्धारित की जा सकती है. आप 3 से 4 मिली कल्टार प्रति 20 लीटर पानी में घोलकर आम के पेड़ पर छिड़काव कर सकते हैं.
पेड़ का व्यास 2 मीटर होने पर दवा एवं पानी की मात्रा दोगुनी कर दें. तीन मीटर होने पर दवा एवं पानी की मात्रा तीन गुणा करने कर दें. इसी प्रकार 4 मीटर होने पर दवा एवं पानी कि मात्रा चार गुणा कर देना चाहिए.
पहले साल इस दवा की पूरी मात्रा प्रयोग करें. दूसरे साल दवा की मात्रा आधा कर दें और तीसरे साल एक तिहाई एवं चौथे साल चौथाई मात्रा ही प्रयोग में ला सकते हैं. पांचवे साल दवा की पुनः पूरी मात्रा प्रयोग करें.
कल्टार के इस्तेमाल से पहले इसकी पूरी जानकारी प्राप्त करने के बाद ही प्रयोग करना चाहिए. इसके गलत प्रयोग से फायदा की जगह नुकसान भी हो सकता है. कभी-कभी पेड़ सुख भी सकता है.
ऐसे में इसका प्रयोग हमेशा वैज्ञानिक देखरेख में ही होना चाहिए. एक्सपर्ट का कहना है कि इसके इस्तेमाल से आम के पेड़ पर फल आने शुरू हो जाते हैं.