जहांगीर की 'न्याय जंजीर' में कितना था सोना?  कीमत 176 करोड़

10 March 2025

Pratik Waghmare

मुगल बादशाह जहांगीर के शासनकाल में न्याय को तरजीह दी जाती थी. जनता की शिकायतें सुनने के लिए उन्होंने आगरा के किले में जंजीर लगवाई थी, जिसमें 60 घंटियां लगी थीं. कोई भी व्यक्ति इसे बजाकर बादशाह तक अपनी फरियाद पहुंचा सकता था.

जहांगीरी घंटा

जहांगीरी घंटा जो आगे चलकर न्याय की जंजीर के नाम से प्रसिद्ध हुई, वह पूरी तरह से सोने की बनी थी. इसमें 6 मॉन्ड सोना यानी 200 किलो से ज्यादा सोना था. अगर आज सोने का दाम 88000 प्रति 10 ग्राम माने तो 200 किलो सोना 176 करोड़ रुपये का होगा.

सोने की थी जंजीर

इतिहासकार राजकिशोर शर्मा राजे ने अपनी किताब ‘तवारीख-ए-आगरा’ में इस जहांगीर घंटे का जिक्र किया है. उन्होंने लिखा कि जहांगीर ने हर मंगलवार को जनता की शिकायतें सुनने के लिए तय किया था.

किस दिन होती थी सुनवाई 

मशहूर लेखक अमीर खुसरो ने अपनी किताब 'नुह-सिपहर' में लिखा कि जहांगीर ने यमुना किनारे आगरा किले में 6 मॉन्ड सोने की जंजीर लगवाई थी. यह शाह बुर्ज से नीचे लटकाई गई थी, जिससे जनता अपनी आवाज बादशाह तक पहुंचा सके. 

अमीर खुसरो ने क्या बताया

आगरा किले के बाहर यमुना किनारे से यह घंटा आसानी से बजाया जा सकता था. फरियादी जंजीर खींचते और घंटा बजता, जिससे जहांगीर खुद न्याय करने पहुंचते थे.

कैसे पहुंचती थी फरियाद 

जहांगीर के इस ‘न्याय घंटा’ ने उन्हें इतिहास में एक न्यायप्रिय शासक के रूप में प्रसिद्धि दिलाई. आज भी उनका यह न्याय का सिस्टम चर्चाओं में रहता है और भारतीय इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाओं में गिना जाता है.

न्यायप्रिय जहांगीर

जहांगीर का यह घंटा उसी जगह पर लगाया गया था, जहां बाद में शाहजहां ने ‘मुसम्मन बुर्ज’ बनवाया है. यही वह स्थान था, जहां से शाहजहां ने अपने अंतिम दिनों में ताजमहल देखा था.

अब कहां है जहांगीरी घंटा