3 Sep 2024
Pradyumn Thakur
पेट्रोल और डीजल वाहनों की संख्या से दुनिया भर में तेल की मांग लगातार बढ़ती रहती है, जिससे पर्यावरण को भी काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.
तेल की मांग और बिगड़ते पर्यावरण के हालातों को देखते हुए यूरोपीय देश नॉर्वे ने दुनिया को एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है.
नॉर्वे की सड़कों पर बैटरी और इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या इस साल के अंत तक या 2025 की शुरुआत में पेट्रोल और डीजल कारों से आगे निकल जाएगी.
ऐसा पहली बार होगा कि कोई देश पेट्रोल और डीजल वाहनों की तुलना में सबसे अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल करेगा.
नॉर्वे की आबादी लगभग 5.5 मिलियन है. नॉर्डिक देश 2025 तक नई पेट्रोल और डीजल कारों की बिक्री बंद करने वाला पहला देश बनने की तैयारी में है.
आप जानकर हैरान होंगे कि इस साल की शुरुआत में बेची गई दस में से नौ नई कारें इलेक्ट्रिक थीं.
नॉर्वे में पिछले साल नए इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में लगभग एक चौथाई की गिरावट आई थी, जिसके बाद सरकार ने टैक्स पर छूट दी थी.
नॉर्वेजियन रोड फेडरेशन के अनुसार, जनवरी में कुल बिक्री में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी रिकॉर्ड 92.1% तक पहुंच गई.