01 February 2025
SATISH VISHWAKARMA
ओल्ड टैक्स रिजीम में 70 से अधिक छूटें और कटौतियां हैं. इसमें LTA, HRA और 80C जैसी फेमस छूट शामिल हैं, जिससे टैक्सपेयर्स को अधिक टैक्स बचत होती है.
नए टैक्स रिजीम में छूट और कटौतियों के बिना कम टैक्स रेट दी जाती हैं. इसे साल 2020 में लाया गया और वित्त वर्ष 2023-24 में और अधिक आकर्षक बनाया गया.
पुराने टैक्स सिस्टम में 2.5 लाख तक टैक्स छूट है, 5 लाख पर 5 फीसदी, 10 लाख पर 20 फीसदी और 10 लाख से अधिक पर 30 फीसदी टैक्स है.
वित्त वर्ष 2024-25 में 3 लाख तक टैक्स छूट है, नई स्लैब में 7 लाख रुपये तक 5 फीसदी, 10 लाख तक 10 फीसदी, 12 लाख तक 15 और 15 लाख तक 20 फीसदी और इससे अधिक अधिक पर 30 फीसदी टैक्स लगेगा.
न्यू टैक्स सिस्टम में 7 लाख रुपये की इनकम पर कोई टैक्स नहीं है, जबकि ओल्ड टैक्स सिस्टम में यह सीमा 5 लाख रुपये है.
ब्रेकइवन प्वाइंट वह सीमा है, जिस पर दोनों टैक्स रिजीम में टैक्स लायबिलिटी समान होती है. इससे टैक्सपेयर्स तय कर सकते हैं कि उनके लिए कौन सा सिस्टम बेहतर है.
अगर आपके पास LTA, HRA और 80C जैसी अधिक कटौतियां हैं और आपकी कुल छूट ब्रेकइवन पॉइंट से अधिक है, तो पुराना सिस्टम चुनें.
अगर आप कम कटौतियों और छूटों का दावा करते हैं और आपकी इनकम 7 लाख रुपये तक है, तो न्यू टैक्स सिस्टम आपके लिए बेहतर होगा.
आपके लिए कौन सा टैक्स सिस्टम बेहतर है, यह आपकी इनकम और छूटों पर निर्भर करता है. दोनों विकल्पों का आकलन करके समझदारी से निर्णय लें.